मेघा गोयल/ दून रॉयल न्यूज़
देहरादून। कहते हैं कि राजनीति वह क्षेत्र है जहां कभी संघर्ष समाप्त नही होता। ब्लॉक से शुरू हुयी राजनीति देश के शीर्ष पद तक पहुंचा देती है। यदि व्यक्ति के अंदर लगन एवं संघर्ष करने का जज्बा हो तो उसके लिए राजनीति से अच्छा कोई क्षेत्र नही है। बस समाजसेवा का जज्बा व्यक्ति के अंदर होना चाहिए। जनता के सुख दुख को अपना समझे वही व्यक्ति राजनीति में सफल हो जाता है। यह भी जरूरी है कि राजनीति के अंदर जरा भी स्वार्थ न हो। यदि व्यक्ति के अंदर स्वार्थ आ जाए तो जनता अर्श से फर्श पर लाने में भी देरी नही करती। कुछ चेहरे ऐसे भी होते हैं जिन्हें जनता अपने सिर माथे पर बैठाती है। ऐसा ही एक चेहरा मनीष कुमार हैं। उत्तराखण्ड राज्य की अस्थायी राजधानी देहरादून में आज से 30 वर्ष पूर्व कांग्रेस का दामन थामकर राजनीति के मैदान में कदम रखने वाले मनीष कुमार इस समय डोईवाला विधानसभा से प्रबल दावेदार हैं। आज से 30 साल पहले उन्होंने कांगे्रस का दामन थामा। कांग्रेस के कई उतराव चढाव का दौर उन्होने देखा लेकिन उन्होने कभी भी कांग्रेस परिवार से अलग होने की नही सोची। यही कारण था कि जब राज्य में तिवारी सरकार बनी तो वह वर्ष 2005 से 2007 तक राज्यमंत्री के गरिमामय पद पर आसीन रहे। राज्यमंत्री रहते हुए उन्होने अनेक जरूरतमंद लोगो की मदद। उन्होने राज्यमंत्री रहते हुए कांगे्रस के हाथो को मजबूत किया। हर रोते हुए व्यक्ति के आंसू पोछे। प्रथम निर्वाचित सरकार में लगभग पांच हजार लोगों की आर्थिक सहायता कराकर उनकी मदद भी की है। वर्ष 2003 से वर्ष 2005 तक वह बीज प्रमाणिकरण के सदस्य भी रहे। मनीष कुमार उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन में भी सक्रिय रहे। यही कारण है कि आज वह चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय संयोजक हैं। इस संगठन के माध्यम से वह दिन रात राज्य निर्माण आंदोलनकारियो की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं और समय-समय पर उनकी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन भी करते हैं। मनीष कुमार ने यूथ कांगे्रस में वर्ष 2002-2003 तक गढवाल मंडल के अध्यक्ष पद पर रहे इसके साथ ही एनएसयूआई व यूथ कांग्रेस के विभिन्न पदों पर रहे हैं साथ ही प्रदेश कांग्रेस के सचिव, कांग्रेस सदस्यता अभियान के सहप्रभारी उत्तराखण्ड भी रहे।
इस समय मनीष कुमार अखिल भारतीय पंचायत परिषद कांग्रेस में प्रदेश संयोजक और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं। अभी हाल ही में मनीष कुमार ने डोईवाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को पीपीपी मोड से हटाने के लिए अंदोलन का बिगुल फूंका है। मनीष कुमार का कहना है कि वह डोईवाला विधानसभा क्षेत्र की जनता की परेशानियों का प्राथमिकता पर हल करना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें किसी भी स्तर तक आंदोलन करना पडे वह इसके लिए पीछे नही हटेंगे। उन्होने कहा कि वर्तमान समय में डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में अनेक समस्याएं मौजूद हैं। जिनका प्राथमिकता पर निराकरण होना चाहिए। जनता भी चाहती है कि डोईवाला विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ऐसे हाथों में हो जो उनके सुख दुख में सदैव साथ खडा रहे। इसलिए मनीष कुमार को कांग्रेस पार्टी से टिकट मिलना चाहिए। वह इसके हकदार भी हैं। वहीं मनीष कुमार ने अंजलि जन कल्याण एवं सामाजिक संस्था रजि. के उपाध्यक्ष के पद पर तैनात रहे और इस संस्था के माध्यम से भी सैकडो लोगो की कोरोना काल में मदद की है।