देहरादून। उत्तराखंड सरकार कांवड़ यात्रा के संचालन को लेकर पड़ोसी राज्यों से बात करने के बाद ही निर्णय लेगी। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरू करने का एलान कर उत्तराखंड सरकार की दुविधा बढ़ा दी है।
उनके इस एलान के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को बैठक बुलाई, जिसमें कांवड़ यात्रा के संचालन की संभावना पर मंथन हुआ। शुक्रवार को पड़ोसी राज्यों से भी बात करके राज्य सरकार कोई निर्णय ले सकती है। बैठक में मुख्यमंत्री ने उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए कि इस संबंध में पड़ोसी राज्यों के साथ व्यापक विचार विमर्श कर सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाए। बैठक में मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।
प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के संचालन पर पहले ही प्रतिबंध लगा रखा है। सचिव शहरी विकास शैलेश बगौली की ओर से बाकायदा इस संबंध में आदेश जारी किया गया था।
उत्तराखंड सरकार पर उत्तरप्रदेश और हरियाणा सरकार का दबाव है। इन दोनों राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं। दोनों राज्य कांवड़ यात्रा के संचालन की तैयारी कर रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के अधिकारियों को 25 जुलाई से कांवड़ यात्रा के संचालन की तैयारी के आदेश दिए हैं। इससे उत्तराखंड सरकार की परेशानी बढ़ गई है।
प्रदेश सरकार चारधाम यात्रा भी शुरू नहीं कर पाई है। उच्च न्यायालय ने यात्रा शुरू करने पर रोक लगा रखी है। सरकार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है। ऐसे में कांवड़ यात्रा के संचालन पर भी सरकार न्यायिक वाद में फंस सकती है। सरकार को कोर्ट का भय भी सता रहा है।
कांवड़ यात्रा के संचालन को लेकर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के बीच बातचीत हो चुकी है। इसी बातचीत के बाद धामी ने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक बुलाई।
मुख्यमंत्री की बैठक में उच्चाधिकारियों ने साफ कर दिया कि कोविड 19 महामारी को देखते हुए कांवड़ यात्रा का संचालन करना उचित नहीं होगा। यात्रा के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड आएंगे और उन सभी के कोविड टेस्ट करने के संभव नहीं होंगे। यात्रा को सीमित करने के लिए भी बहुत सारे इंतजाम करने पड़ सकते हैं।