दून रॉयल न्यूज़
देहरादून। दून में रईसजादों के लिए ऐशगाह बने हास्टल व पेइंग गेस्ट हाउस पर नगर निगम प्रशासन ने शिकंजे की तैयारी कर ली है। बुधवार को नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने निगम के कर अनुभाग में पिछले साल कराए गए शहर के सभी हास्टल के सर्वे की रिपोर्ट की समीक्षा की। नगर आयुक्त ने इन पर व्यावसायिक प्रापर्टी टैक्स लगाने के निर्देश दिए।राजधानी बनने के बाद देहरादून में निजी शिक्षण संस्थानों में तेजी से बेतहाशा वृद्धि हुई है। मौजूदा स्थिति यह है कि राजधानी का शायद ही कोई कोना बचा हो जहां शिक्षण संस्थान न हों। जाहिर बात है कि जहां शिक्षण संस्थान खुलेंगे और हजारों छात्र दाखिला लेंगे तो वहां आवास की जरूरत भी होगी। दून में भी कुछ ऐसा ही हुआ। एक के बाद एक खुले शिक्षण संस्थान के आसपास बने घर हास्टल में तब्दील हो गए। जिन लोग ने नए निर्माण कराए, उन्होंने भी नक्शा पास कराने की जहमत नहीं उठाई। नतीजा शहर में अवैध हास्टल की बाढ़। हास्टल वालों को भी किराये में मोटी रकम मिलने लगी तो वे भी बेफिक्र होते चले गए। पुलिस के किरायेदारों के वेरिफिकेशन का हल्ला पीटने के बावजूद इक्का-दुक्का को छोड़ अधिक संख्या ऐसे हास्टल संचालकों की है, जो पुलिस वेरिफिकेशन की जहमत नहीं उठाते। नतीजा सबके सामने है। गाहे-बगाहे शहर में हास्टल में रहने वाले छात्रों की करतूतें सामने आती रहती हैं।हास्टल में हर तरह की अय्याशी की बात सामने आती रही हैं।