राज्य निर्माण आंदोलनकारी 2 सितंबर को मसूरी कांड शहीद दिवस को “धिक्कार दिवस “के रूप में मनाएंगे

उत्तराखंड गढ़वाल समाचार

देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के झंडे तले आज देहरादून शहीद स्मारक में विभिन्न राज्य आंदोलनकारी संगठनों की करीब 3 घंटा लंबी चली मैराथन बैठक में राज्य आंदोलनकारियों ने राज्य सरकार को 23 अगस्त से शुरू होने वाले विधान सभा सत्र में विरोध प्रदर्शनों से निजात दिलाते हुए यह विश्वास जताया है की राज्य सरकार आगामी विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री द्वारा आंदोलनकारियों को दिए गए आश्वासन पर आंदोलनकारियों को 10% क्षैतिज आरक्षण और सामान पेंशन दिए जाने को वायदे को पूरा करेगी और यदि यह आश्वासन सरकार ने पुरा ना किया तो 2 सितंबर को राज्य भर के राज्य निर्माण आंदोलन कारी खटीमा कांड की 2 सितंबर को मनाए जाने वाली पुण्यतिथि पर राज्य भर में सरकार की निंदा करते हुए “धिक्कार दिवस” मनाएंगे। और सरकार के विरुद्ध राज्य भर में विरोध प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे।
यह जानकारी देते हुए चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप और उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन नेगी ने बताया की सरकार से जो आंदोलनकारियों की बात हुई है उन्हें विश्वास है सरकार अपने शब्दों पर कायम रहेगी ।यही नहीं विपक्ष के नेता प्रीतम सिंह ने भी आंदोलनकारी सवालों को विधानसभा में उठाने का वायदा किया है। तो आंदोलनकारी नेताओं ने सरकार और प्रतिपक्ष दोनों पर विश्वास जताते हुए अपना 23 अगस्त को होने वाला राज्य सरकार विरोधी सत्याग्रह की घोषणा को वापस ले लिया और एक सितंबर को मसूरी कांड दिवस तक कोई भी विरोध प्रदर्शन नहीं करने का फैसला किया है।
धीरेंद्र प्रताप जगमोहन नेगी और प्रदीप कुकरेती ने बताया कि राज्य आंदोलनकारियों में यद्यपि सरकार के प्रति भारी रोष है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आंदोलनकारी मांगों पर सदभावना पूर्वक विचार किए जाने के आश्वासन को देखते हुए आंदोलनकारियों ने कहा है कि उन्हें विश्वास है सरकार अपने वायदे पर खरा उतरेगी और आंदोलनकारियों को सड़कों पर नहीं आना पड़ेगा।
इस मौके पर राज्य भर से आए प्रमुख राज्य निर्माण आंदोलनकारी नेताओ जिनमें धीरेंद्र प्रताप, जगमोहन नेगी, रामलाल खंडूरी ,प्रदीप कुकरेती, अंबुज शर्मा ,वेद प्रकाश शर्मा, रेनू नेगी सुलोचना भट्ट ,नरेंद्र सोठियाल ,मोहन सिंह रावत ,डीएस गुसाईं ,सतीश जोशी, पी लिंगवाल, बिशंबर बौठियाल, वीरेंद्र पोखरियाल, कमला बमोला समेत अनेकों लोग शामिल थे ने सर्वसम्मति से आगामी 1 सितंबर को जाने-माने राज्य निर्माण आंदोलनकारी रंजीत सिंह वर्मा की याद में स्मृति दिवस मनाने का फैसला किया।
बाद में बड़ी संख्या में महिला आंदोलनकारियों ने वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी धीरेंद्र प्रताप जगमोहन नेगी प्रदीप कुकरेती सतीश जोशी वेद प्रकाश शर्मा नरेंद्र नौटियाल वीरेंद्र पोखरियाल आदि को रक्षाबंधन के रक्षा सूत्र बांधकर उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन कार्यों के सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।

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