देहरादून। ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के टिहरी बांध विस्थापित पशुलोक क्षेत्र के सात गांवों को राजस्व ग्राम बनाए जाने के बाद भी अभी तक विस्थापित परिसर सरकार की योजनाओं से वंचित हैं। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने मंगलवार को राजस्व विभाग के सचिव एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों सहित पशुलोक विस्थापित क्षेत्र के प्रतिनिधिमंडल के साथ संयुक्त रूप से बैठक की। विधानसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों को राजस्व ग्राम घोषित किए गए सात गांवों को सभी सरकारी योजनाओं का लाभ दिए जाने संबंधित विषय पर शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए। टिहरी बांध विस्थापित पुनर्वास क्षेत्र के सात गांवों को राजस्व ग्राम घोषित किया गया था। राजस्व ग्राम घोषित किए गए ग्रामों में माली देवल, विरयाणी, लम्बागड़ी, होजीयान, सिरांई, असेना और डोबरा गांव हैं। विगत दिनों स्थानीय लोगों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को अवगत किया गया कि सरकार की किसी भी प्रकार की योजनाओं का लाभ उन्हें अभी भी नहीं प्राप्त हो रहा है। जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र, भूमिधरी का अधिकार एवं भारत सरकार एवं राज्य सरकार की जन उपयोगी योजनाओं के लाभ से वंचित है। इस समस्या का संज्ञान लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने देहरादून कार्यालय में राजस्व विभाग एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से बैठक की। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि टिहरी बांध विस्थापित पशुलोक क्षेत्र के सात गांवों को राजस्व ग्राम बनाए जाने के लिए 20 साल से अधिक लंबी चली मांग के लिए कई आंदोलन स्थानीय लोगों द्वारा किए गए। जिसके बाद सातो गांवों को सरकार द्वारा राजस्व ग्राम घोषित किया गया। अग्रवाल ने कहा कि राजस्व ग्राम घोषित होने के बावजूद भी विस्थापित क्षेत्र के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ ना मिलना चिंताजनक है। उन्होंने इस दौरान अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि तुरंत इस विषय पर आवश्यक कार्रवाई कर लोगों को उनका हक दिया जाए। इस अवसर पर राजस्व विभाग के सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम, अपर जिलाधिकारी जीसी गुणवंत, सहित विस्थापित क्षेत्र के बलवीर सिंह रावत, जगदंबा सेमवाल, प्रताप सिंह राणा, हरि सिंह भंडारी, सुंदरलाल बिजलवान, दिनेश बहुगुणा, विजय बिष्ट भीम सिंह पवार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।