देहरादून। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद की ओर से स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है, जिसका शुभारंभ 16 सितंबर को किया जायेगा। इस स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से देवभूमि उत्तराखंड को स्वच्छ बनाने के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रहे लोगों को सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए होटल, गेस्ट हाउस, गैर सरकारी संगठनों, शहरी स्थानीय निकायों, रेस्तरां, होम स्टे और स्वयं सेवी संगठन यूटीडीबी की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध फॉर्म के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री ने कहा, ‘‘कोरोना के तेजी से कम होते मामलों के बीच उत्तराखंड में कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखकर पर्यटन गतिविधियों को शुरू किया गया है। ऐसे में उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से विशेष पहल शुरू की जा रही है। 15 दिवसीय अभियान के जरिए प्रदेश भर के सभी 13 जिलों के पर्यटन स्थलों को स्वच्छ और सुंदर बनाया जाएगा।’’
दिलीप जावलकर, सचिव पर्यटन ने कहा, ‘‘पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी का मुख्य स्रोत है। देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों को यहां स्वच्छ और सुंदर वातावरण उपलब्ध कराने के लिए विभाग की ओर से लगातार काम किया जा रहा है। इस विशेष अभियान में प्रदेश भर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही स्वच्छता के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रहे लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा।’’
युगल किशोर पंत अपर सचिव पर्यटन ने कहा, ‘‘उत्तराखण्ड राज्य को स्वच्छ रखने के लिए कार्य कर रहे सभी लोगों के लिए यह एक अच्छा अवसर है। उन्होंने कहा कि हमें उनकी पहल और यात्रा के बारे में जानने का भी मौका मिलेगा। हम भविष्य में इन संगठनों के साथ इस तरह के स्वच्छता अभियान चलाने के लिए तत्पर हैं।’’
उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद की अपर निदेशक व अपर विभागाध्यक्ष पूनम चंद ने बताया कि उत्तराखंड आने वाले देश-दुनिया के पर्यटकों को स्वच्छ व सुंदर वातवारण उपलब्ध कराने के लिए यूटीडीबी की ओर से लगातार काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से सम्मान समारोह में प्रदेश को स्वच्छ रखने में सहयोग करने वालों को सम्मानित किया जाएगा। 30 सितंबर तक चलने वाले स्वच्छता पखवाड़े में स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट निपटान से संबंधित सर्वोत्तम कार्य प्रणाली के बारे में राज्य भर में होमस्टे मालिकों, होटल व्यवसायियों और स्थानीय समुदायों को जागरूक किया जाएगा।