गोपेश्वर(चमोली)। यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारी समाज का आंदोलन जारी है। इसी के तहत बड़ी संख्या में हक-हकूकधारियों और स्थानीय लोगों ने बदरीनाथ धाम में जबरन प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन वे मंदिर तक नहीं पहुंच सके। दर्शनों को जा रहे सभी को पुलिस ने अलकनंदा नदी पुल पर ही रोक दिया और उसके बाद थाने ले आई। पुलिस उपाधीक्षक धन सिंह तोमर ने कहा कि दर्शनों को जा रहे स्थानीय निवासियों को न्यायालय के आदेशों से अवगत कराकर वापस भेज दिया गया है । थाने में सभी से सहयोग की अपील की गई है। बदरीनाथ धाम में यात्रा संचालित करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में स्थानीय निवासियों, साधुओं ने धाम कूच किया। पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया, जिसके बाद उन्होंने जमकर नारेबाजी की। पुलिस ने मंदिर जाने वाले सभी मार्गों पर बैरिकेटिंग करने के साथ ही फोर्स तैनात की थी, लेकिन भगवान के दर्शनों को लालायित स्थानीय नागरिक साकेत तिराहे की बेरिकेटिंग को पार करते हुए मुख्य पुल तक पहुंच गए। यहां पहले से मौजूद भारी पुलिस बल ने किसी को भी मंदिर की ओर नहीं बढ़ने दिया, इस दौरान पुलिस से भी नोक-झोंक होती रही। दर्शनों के लिए रोके जाने से गुस्साए लोगों ने पुल पर ही राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पुलिस प्रशासन द्वारा न्यायालय का हवाला देते हुए काफी समझाने का प्रयास किया, जिसके बाद उन्हें थाने लाया गया। प्रदर्शन करने वालों में चारधाम तीर्थ पुरोहित हकहकूक धारी महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कान्त कोटियाल, विनोद डिमरी, ब्रह्मकपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत के अध्यक्ष उमेश सती, नगर पंचायत बदरीनाथ के पूर्व अध्यक्ष बलदेव मेहता व राजेश मेहता, माणा के प्रधान पीताम्बर मोल्फा, विपुल डिमरी, जगमोहन भंडारी ,सतीश डिमरी और ब्यापार संघ बदरीनाथ के अध्यक्ष विनोद नवनी के अलावा माणा, बामणी, हनुमान चट्टी, लामबगड़ आदि गांवों के ग्रामीण मौजूद रहे।