देहरादून। उत्तराखंड वाल्मीकि स्वच्छ कार संयुक्त मोर्चा से जुड़े विभिन्न सफाई कर्मचारी संगठनों एवं वाल्मीकि समाज के सामाजिक संगठनों की संयुक्त बैठक संयुक्त मोर्चा के मुख्य संयोजक पूर्व चेयरमैन सफाई कर्मचारी आयोग उत्तराखंड सरकार एवं राष्ट्रीय बाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगवत प्रसाद मकवाना की अध्यक्षता में वाल्मीकि धर्मशाला घास मंडी ज्वालापुर हरिद्वार में आयोजित हुई। मोर्चा से जुड़े सभी संगठनों के पदाधिकारियों ने उत्तराखंड में बाल्मीकि समाज एवं सफाई कर्मचारियों की समस्याओं पर गहन चिंतन मंथन किया। बैठक को संबोधित करते हुए संयुक्त मोर्चा के मुख्य संयोजक भगवत प्रसाद मकवाना ने कहा कि 20 जुलाई 2021 को शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत एवं 27 जुलाई 2021 को उत्तराखंड के यशस्वी एवं ऊर्जावान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सफाई कर्मचारियों की 14 सूत्री मांगों पर संयुक्त मोर्चा की वार्ता हुई जिसमें 12 मांगों पर सहमति बनी जिसके आधार पर सचिव शहरी विकास उत्तराखंड शासन द्वारा 9 अगस्त 2021 को पूर्व में पर्यवेक्षक सेनेटरी सुपरवाइजर के पद पर इंटर साइंस शैक्षिक योग्यता को संयुक्त मोर्चे की मांग पर वापस ले लिया गया है तथा सफाई कर्मचारियों की पदोन्नति सुपरवाइजर के पद पर पूर्व की भांति होती रहेगी। कोरोना में सफाई कर्मचारियों ने कड़ी मेहनत से जोखिम पूर्ण परिस्थितियों में कार्य किया जिसके लिए संयुक्त मोर्चा की मांग पर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश की निकायों के 8300 सफाई कर्मचारियों को रुपया 10000 प्रोत्साहन राशि 5 किस्तों में प्रत्येक माह 2000 के अनुसार दिए जाने का शासनादेश जारी करने तथा राज्य कर्मचारियों के समान 11प्रतिशत महंगाई भत्ता निकाय कर्मचारियों को बढ़ाए जाने के लिए शासनादेश जारी होने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है। तथा सफाई कर्मचारियों की तीन महत्वपूर्ण समस्याओं के समाधान हेतु मुख्यमंत्री एवं शहरी विकास मंत्री के आदेश अनुसार निदेशक शहरी विकास के अध्यक्षता में संयुक्त मोर्चा के 3 प्रतिनिधियों विशाल बिरला प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ, राजेंद्र श्रमिक प्रदेश महामंत्री अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस व सुनील राजोर प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तरांचल स्वच्छ कार कर्मचारी संघ को सदस्य नामित किया गया है। तीनों कमेटियां सफाई कर्मचारियों के ढांचे के पुनर्गठन सफाई कर्मचारियों के मृत पदों को बहाल किए जाने, सफाई कार्य में ठेकेदारी प्रथा बंद किए जाने, तथा सफाई कर्मचारियों को आवास के मालिकाना हक दिए जाने के मामलों में एक माह के अंदर अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करेगी। इन निर्णयों के लिए संयुक्त मोर्चा मुख्यमंत्री एवं शहरी विकास मंत्री तथा प्रमुख सचिव एवं सचिव शहरी विकास का आभार व्यक्त करता है। किंतु सफाई कर्मचारियों की महत्वपूर्ण समस्याएं अभी भी लंबित पड़ी है। संयुक्त मोर्चा की पुरजोर मांग है कि प्रदेश की स्थानीय निकायों के साथ-साथ सभी विभागों में सफाई कार्य में ठेकेदारी प्रथा समाप्त की जानी चाहिए क्योंकि यह रोजाना होने वाला की आवश्यक सेवा का कार्य है। वर्षों से कार्य कर रहे मोहल्ला स्वच्छता समिति संविदा एवं आउट सोर्स सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाना चाहिए। सफाई कर्मचारियों की नई भर्ती जो राज्य गठन के समय से नहीं हो पाई स्थाई नियुक्तियां शीघ्र किए जाएं। सफाई कर्मचारियों का कांग्रेस शासनकाल में बंद हुआ बीमा समझौते के अनुसार दो लाख किए जाने के आदेश शीघ्र जारी किए जाएं तथा अन्य सभी समस्याओं से संबंधित शासनादेश सरकार प्राथमिकता से जारी कराएं। मोर्चा के संयोजक एवं उत्तरांचल स्वच्छ कार कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम अवतार राजौर ने कहा कि उन्होंने सचिव शहरी विकास को स्पष्ट कर दिया है कि 20 दिन तक अगर शासनादेश जारी नहीं की गई तो संयुक्त मोर्चा आंदोलन करने हेतु विवश होगा।
विशाल बिरला संयोजक संयुक्त मोर्चा एवं प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ ने कहा कि उनको तीन महत्वपूर्ण समस्याओं के समाधान के लिए गठित सरकारी कमेटी में संयुक्त मोर्चा के प्रतिनिधि के रूप में नामित किया गया है, वह पूरी ईमानदारी एवं मेहनत से सफाई कर्मचारियों के हित में अपनी रिपोर्ट निदेशक को प्रस्तुत करेंगे। संयुक्त मोर्चा सफाई कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए पूरी गंभीरता से प्रयासरत है। सुरेंद्र तेशवर संयोजक संयुक्त मोर्चा एवं प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस ने अपने संबोधन में कहा कि संयुक्त मोर्चा सफाई कर्मचारियों के हित के लिए प्रयासरत है किसी भी दशा में सफाई कर्मचारियों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राष्ट्रीय बाल्मीकि क्रांतिकारी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल घाघाट ने अपने संबोधन में कहा कि सभी विभागों में सफाई कार्य ठेकेदारी प्रथा में बंद होना चाहिए, सफाई कर्मचारी कमजोर वर्ग से हैं। ठेकेदारी प्रथा लागू होने से उनकी आर्थिक स्थिति और कमजोर होगी। इसलिए सरकार को प्राथमिकता से सफाई कार्य में ठेकेदारी प्रथा समाप्त करनी चाहिए तथा वर्षों से कार्यरत सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाना चाहिए। वाल्मीकि मोर्चा संयुक्त मोर्चे के साथ मजबूती से खड़ा है।
सुनील राजोर प्रदेश उपाध्यक्ष उत्तरांचल स्वच्छ कार कर्मचारी संघ ने अपने संबोधन में सरकार से समझौते के बावजूद शासनादेश जारी नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की तथा आंदोलन के माध्यम से समाज को अपने अधिकार लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों का प्रदेश में बहुत शोषण हो रहा है। सरकार को प्राथमिकता के आधार पर सफाई कर्मचारियों को रोजगार एवं न्याय देना चाहिए।
बैठक को अशोक देशवर, बलवीर खटीमा, महेंद्र राही महामंत्री उत्तरांचल सोचकर कर्मचारी संघ, मदन बाल्मीकि प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय बाल्मीकि क्रांतिकारी युवा मोर्चा आदि ने संबोधित किया।