देहरादून। थाना प्रेमनगर क्षेत्रान्तर्गत हुए डबल मर्डर का दून पुलिस ने खुलासा करते हुये घटना को अंजाम देने वाले अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसके पास से घटना में प्रयुक्त आला कत्ल एक लोहे की रॉड व घटना के दौरान पहने हुए कपडे व जूते बरामद कर लिये हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 29 सितम्बर को सुभाष शर्मा निवासी ग्राम धौलास प्रेमनगर के द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम के माध्यम से थाना प्रेमनगर को सूचना दी कि उनकी पत्नी उन्नति शर्मा तथा उनका नौकर श्याम उर्फ राजकुमार थापा नहीं मिल रहे हैं। उक्त सूचना पर थानाध्यक्ष प्रेमनगर, चीता कर्मचारी के साथ सुभाष शर्मा के निवास पर पहुंचे तथा सुभाष शर्मा से आवश्यक जानकारी लेते हुए उनके घर के आस-पास उन्नति शर्मा तथा नौकर श्याम उर्फ राजकुमार थापा की खोजबीन की गयी। खोजबीन के दौरान पुलिस टीम को उक्त दोनो गुमशुदा लोगो के शव घर के पीछे किचन के पास पन्नी से ढककर छिपाये हुए मिले। जिसकी सूचना तत्काल उच्चाधिकारी को दी गयी। घटना के सम्बन्ध में सुभाष शर्मा के द्वारा दी गयी लिखित तहरीर के आधार पर थाना प्रेमनगर में मुकदमा अपराध सख्या 228/21 धारा 302 भादवि बनाम अज्ञात का अभियोग पंजीकृत किया गया। प्रेमनगर क्षेत्र में हुए इस दोहरे हत्याकाण्ड की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद देहरादून जन्मेजय प्रभाकर कैलाश खण्डूरी द्वारा स्वंय घटनास्थल पर जाकर मौके पर मौजूद अधिकारियों से घटना के सम्बन्ध में जानकारी ली गयी तथा घटना के अनावरण व अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षक नगर श्रीमती सरिता डोभाल के पर्यवेक्षण तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी प्रेमनगर तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी मसूरी के नेतृत्व में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। गठित टीमों द्वारा घटना स्थल के आस-पास के क्षेत्र की सघन काम्बिंग कर आवश्यक साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की गयी। साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों व निर्माण कार्य में लगे मजदूरो से गहनतापूर्वक पूछताछ की गयी। इसके अतिरिक्त एक टीम द्वारा घटना स्थल के आस-पास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को चैक किया गया। सीसीटीवी फुटेजों के अवलोकन के दौरान पुलिस टीम को कुछ संदिग्ध व्यक्तियों की फुटेज प्राप्त हुई, जिनके सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करने हेतु मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया। घटना के सम्बन्ध में वादी सुभाष शर्मा से पूछताछ के दौरान पुलिस टीम को जानकारी प्राप्त हुई कि आदित्य नाम का एक लडका कुछ दिन पूर्व उनके घर पर नौकरी मागने के लिये आया था, परन्तु उन्नति शर्मा द्वारा घर पर पूर्व से ही एक नौकर श्याम उर्फ राजकुमार थापा के होने तथा किसी अन्य व्यक्ति की आवश्यकता न होने की बात कहकर उसे मना कर दिया और उसे कहीं और काम दिलाने की बात कही। पुलिस टीम द्वारा आदित्य के सम्बन्ध में आस-पास के लोगो से जानकारी की गयी तो ज्ञात हुआ कि आदित्य के द्वारा अपने रिश्तेदारो व अन्य लोगो से काफी पैसे उधार लिये गये है तथा आर्थिक तंगी के कारण उसके द्वारा पूर्व में भी जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या करने का प्रयास किया गया था। घटना के बाद 30 सितम्बर को वह बीमारी का बहाना बनाकर 108 एम्बुलेंस के माध्यम से दून अस्पताल में भर्ती हुआ था। जहां से वह दूसरे दिन 01 अक्टूबर को डिस्चार्ज हो गया। सीसीटीवी फुटेजो से प्राप्त संदिग्ध हुलिये का आदित्य के हुलिये से मिलान करने पर वह उससे मिलता जुलता प्रतीत हुआ। जिस पर पुलिस टीम द्वारा संदिग्धता के आधार पर आदित्य को हिरासत में लिया गया। आदित्य से सख्ती से पूछताछ करने पर उसके द्वारा 29 सितम्बर
को श्रीमती उन्नति शर्मा व उनके नौकर श्याम उर्फ राजकुमार थापा की हत्या करना स्वीकार किया गया। जिस पर अभियुक्त को रात्रि मे गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त की निशानदेही पर पुलिस टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त लोहे की रॉड को सुभाष शर्मा के घर के पीछे जंगल से तथा अभियुक्त द्वारा घटना के समय पहने गये कपड़ो को अभियुक्त के घर के पास से बरामद किया गया।
आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद देहरादून जन्मेजय प्रभाकर कैलाश खण्डूरी ने पत्रकारों को जानकारी देते हुये बताया की गिरफ्तार अभियुक्त आदित्य पुत्र स्व सुरेन्द्र निवासी खावडवाला थाना गढी कैन्ट देहरादून उम्र: 20 वर्ष के कब्जे से घटना में प्रयुक्त आला कत्ल एक लोहे की रॉड व घटना के दौरान पहने हुए कपडे व जूते बरामद किये गये हैं।
एसएसपी ने बताया की पूछताछ में अभियुक्त आदित्य द्वारा बताया गया कि वह अपने घर पर अपनी माताजी के साथ रहता हैं। पूर्व में वह गढीकैंट में किराये के मकान में रहकर आर्मी में जाने की तैयारी करता था। कोटद्वार में आर्मी की भर्ती के दौरान उसने दौड पास कर ली थी, परन्तु हाथ में टेनट्यूड कट होने के कारण वह मेडीकल मे बाहर हो गया। उसके पश्चात उसने गढी कैंट का मकान छोड दिया और खबडवाला में पट्टे की भूमि पर टीन शेड लगाकर अपनी मां के साथ रहने लगा। पूर्व में एक बार उसने उन्नति शर्मा के घर चार से पांच दिन तक काम किया, जहां से मुझे 500 प्रतिदिन के हिसाब से पैसे मिले। उसके पश्चात वह दोबारा उन्नति शर्मा के घर पर गया, और उनसे घर पर काम देने की बात कही तो उन्नति शर्मा द्वारा बताया गया कि उनके घर पर काफी समय से श्याम उर्फ राजकुमार थापा नौकर का काम करता है और उन्हे अभी किसी अन्य काम वाले की आवश्यकता नही है। फिर उसके बाद 26 सितम्बर 2021 को वह पुन: काम मांगने के सिलसिले में उन्नति शर्मा से मिलने के लिये उनके घर पर गया और गेट से उन्नति शर्मा को फोन किया तो उन्होने उसका फोन नहीं उठाया। इसी दौरान नौकर श्याम थापा गेट पर आया और उन्नति शर्मा को घर के बाहर आदित्य के आने की सूचना दी। उन्नति शर्मा द्वारा पुन: उसे घर पर कोई काम न होने समबन्ध में बताते हुए फुलसैनी में एक दुकान में काम दिलाने की बात कही गयी तथा वह उसे उक्त दुकानदार के पास लेकर गयी। दुकानदार द्वारा उसे बताया गया कि वह उसे रहने के लिये अपने स्टोर में ही एक बेड दे देगा, परन्तु उसके द्वारा उसे बताया गया कि उसके साथ उसकी माताजी भी रहती हैं, जिस कारण वह उक्त स्टोर में नही रूक सकता, जिसके पश्चात हम फुलसेनी से वापस आ गये। उसके बाद से ही उसे लगने लगा कि जब तक मैडम उन्नति शर्मा के घर पर उनका नौकर श्याम उर्फ राजकुमार थापा तब तक उसे घर में कोई काम नहीं मिल सकता। जिस पर उसने श्याम थापा को रास्ते से हटाने के लिये उसकी हत्या की योजना बनाई और योजना के मुताबिक 29 सितम्बर को प्रात: 04ः00 बजे वह घर से पैदल चलकर जंगल के रास्ते होते हुए उन्नति शर्मा के बंगले के पास पहुचा तथा वहा से उसने बगले का गेट फांदकर घर के परिसर में प्रवेश किया। परिसर में आने केे बाद वह किचन के रास्ते घर के अन्दर जाने का प्रयास कर ही रहा था कि उसे किचन के बाहर श्याम उर्फ राजकुमार थापा मिल गया, इससे पहले कि श्याम मुझसे कुछ कह पाता उसने बिना देरी किये वहीं जमीन पर पडी एक लोहे की राड उठाकर उसके सिर पर उससे दो बार प्रहार किया, जिससे वह मौके पर ही गिर गया। इसी दौरान घर की मालकिन उन्नति शर्मा किचन से बाहर आयी तो उसने दीवार की आड में छिप गया, उन्नति शर्मा नौकर श्याम थापा की हालत देखकर चिल्लाई इसी दौरान उसने उसे भी देख लिया था और वापस घर के अन्दर जाने के लिये वह जैसे ही मुडी तो उसके द्वारा लोहे की रॉड से उसके सिर के पिछले हिस्से में वार किये गये जिससे वह वहीं नीचे गिर गयी। उसके बाद उसने दोनो का गला दबाकर यह सुनिश्चित किया कि वह दोनो मर गये हैं और लोहे की रॉड को वही से पीछे जंगल की ओर फेक दिया। उक्त दोनो शवों को उसने पास मे पडी चमकीली पन्नी से ढक दिया और दीवार फांदकर वह वहां से जगल के रास्ते होते हुए अपने घर वापस आ गया। घर पर उसने अपने कपडे बदले और उन कपडों को एक पालीथीन में डालकर घर के पास ही छुपा दिया। अगले दिन जैसे ही उसे आभास हुआ कि पुलिस को घटना की जानकारी हो गयी है तो बचने के लिये योजनाबद्ध तरीके से मैं खून के दस्त लगने का बहाना बनाकर 108 के माध्यम से दून अस्पताल में भर्ती हो गया।