श्री सरस्वती ज्ञान-विज्ञान मंदिर का उद्घाटन २१ को

उत्तराखंड गढ़वाल समाचार

ऋषिकेश। माईर्स एमआईटी शिक्षण संस्था समूह, एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी,पुणे की संयुक्त तत्वावधान में उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम स्थित माणा गाव में निर्मित श्री सरस्वती ज्ञान-विज्ञान मंदिर का उद्घाटन एवं लोकार्पण समारोह २१ अक्टूबर की सुबह ११.१५ बजे आयोजित किया गया है.
यहां पर बतौर मुख्य अतिथि के रुप में महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम भगत सिंह कोश्यारी उपस्थित रहेंगे. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत विशेष अतिथि होगे. समारोह की अध्यक्षता नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति और विश्व प्रसिद्ध कंप्यूटर विशेषज्ञ पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर उपस्थित रहेंगे. साथ ही मौलाना आजाद नेशनल उर्दू युनिवर्सिटी के कुलाधिपति फिरोजशहा बख्त अहमद, विख्यात विद्वान डॉ. किशन शर्मा, सरस्वती धाम मंदिर के पुजारी बद्रीनारायण भट और तुलशीराम दादाराव कराड सम्मानीय अतिथि के रुप में उपस्थित रहेंगे. साथ ही माणा ग्रामपंचायत के प्रधान पीतांबर सिंह मोलपा विशेष उपस्थिती होगी.
भारतरत्न लता मंगेशकर और महान विचारक और आध्यात्मिक गुरू परमपूज्य श्रीकृष्ण कर्वे गुरुजी आशीर्वाद देंगे.
२२ से २७ अक्टूबर के दरमियान सुबह ११.१५ बजे होनेवाले कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय रेल्वे राज्यमंत्री रावसाहेब दानवे, केरल के राज्यपाल डॉ. अरिफ मोहम्मद खान, महाराष्ट्र के स्वास्थ्यमंत्री राजेश टोपे, नेदरलेंड की दार्शनिक एवं कवयित्री डॉ. पुष्पिता अवस्थी एवं डॉ. विजय भटकर विशेष मार्गदर्शन करेंगे.
श्री सरस्वती ज्ञान विज्ञान मंदिर
उत्तरखंड में श्री सरस्वती ज्ञान विज्ञान मंदिर बद्रीनाथ धाम मंदिर स्थापित किया गया है, जो भारत के प्रमुख चारधाम मंदिरों में से एक है. इस मंदिर में मां सरस्वती, भगवान गणेश, ज्ञान पंढरी के भगवान विट्ठल रुक्मिणी, भगवान दत्तात्रेय, वायु के पुत्र भगवान हनुमान और महाराष्ट्र के महान दार्शनिक संत ज्ञानेश्वर महाराज और संत तुकाराम महाराज, भगवान वेदव्यास की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. धर्मराज युधिष्ठिर, गदाधारी भीम, धनुरधारी अर्जुन, सत्यवादी नकुल, मानवतावादी सहदेव और माता द्रौपदी की मूर्तियों को सरस्वती नदी के स्त्रोत से नरनारायण पर्वत पथ पर स्थापित किया जाएगा. जिससे पांडव स्वर्ग की ओर गए थे.
वषर्र् २००९ में श्री बद्रीनाथ धाम में प्रख्यात कंप्यूटर वैज्ञानिक डॉ. विजय भटकर, महान योग गुरू शतशुषी रामचंद्र गोपाल शेलारमामा, साप्ताहिक हिंंदी ब्लिट्ज के संपादक नंदकिशोर नौटियाल, प्रसिद्ध रोडियो उद्धोषक डॉ. किशन शर्मा, वैज्ञानिक डॉ. विजय कुमार दास और मेरी बहन पूर्णब्रह्मयोगिनी त्यागमूर्ति प्रयाग अक्का कराड और मै दर्शन के लिए गए थे. दर्शन करने के बाद मैं और डॉ. विजय भटकर इस विचार के साथ आए कि यहां देवी सरस्वती को समर्पित एक सुंदर और आकर्षक मंदिर बनाया जाए. संयोग से माणा गांवा के मुखिया पीतांबर सिंह ने मोलपा से मुलाकात की. उनसे इस मंदिर के निर्माण को लेकर चर्चा हुई. फिर उन्होंने उसे पहचान लिया और उसके साथ सहयोग करने का वादा किया. हम दोनों ने श्री सरस्वती माता मंदिर बनाने का फैसला किया और इस मंदिर का निर्माण शुरू हो गया. अब वह मंदिर बनकर तैयार हो गया है. इस मंदिर का उद्धाटन और समर्पण समारोह २१ अक्टूबर को होगा.
श्री सरस्वती ज्ञान विज्ञान श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ व अखंड हरिनाम सप्ताह
स्वामी विवेकानंद के वचन अनुसार विज्ञान और आध्यात्मिकता के संयोजन के माध्यम से विश्व शांति बहाल करने के वादे के प्रति अत्यंत विश्वास और भक्ति के साथ, पवित्र तीर्थ क्षेत्रों को सच्चे अर्थों में ज्ञान तीर्थ क्षेत्रों में बदलने के लिए एक अभिनव सार्वजनिक शिक्षा पहल लागू की जा रही है.
उसी के एक भाग के रुप में वारकरी संप्रदाय की परंपरा के अनुसार, माणगांव में निर्मित श्री सरस्वती ज्ञान विज्ञान मंदिर में श्री सरस्वती ज्ञान विज्ञान श्रीमद्भागवत कथा एवं अखंड हरिनाम सप्ताह आयोजित किया गया है. इसमें काकड आरती, विष्णुसहस्त्रनाम, गाथा, भजन, ज्ञानेश्वरी पारायण, श्रीमद्भागवत कथा, प्रवचन, हरीपाठ एवं कीर्तनके विभिन्न कार्यक्रम २१ से २७ अक्टूबर के दरमियान होगा.
इस सप्ताह में हभप बापूसाहेब मोरे देहूकर, हरिहर महाराज दिवेगावकर, डॉ. सुदाम महाराज पाणेगावकर, धर्मराज महाराज हांडे, अर्जुन महाराज लाड, नारायण महाराज उत्तरेश्वर पिंपरीकर, अच्यूत महाराज दत्तापूरकर, बाबा महाराज बोर्‍हाडे एवं रविदास महाराज शिरसाठ अपनी सेवा देंगे.

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