देहरादून। महाराष्ट्र के राज्यपाल महामहिम भगतसिंह कोश्यारी ने कहा, २१वीं सदीं में भारत को दुनिया में अध्यात्म की भूमि के नाम से जाना जाएगा. माणा गांव में श्री सरस्वती माता मंदिर के निर्माण से सारी दुनिया के श्रध्दालू यहां आएंगे. जिससे इस गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
पुणे के विश्वशांति केंद्र आलंदी,माइर्स एमआईटी एजुकेशनल इंस्टीटयूशन ग्रुप और एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में माणा गांव में निर्मित श्री सरस्वती ज्ञान विज्ञान मंंदिर का उदघाटन एवं लोकार्पण के बाद राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने कहा, देवभूमि उत्तराखंड में इस मंदिर की स्थापना ऐतिहासिक घटना है. आदि शंकराचार्य ने बद्रीनाथ, केदारनाथ और नेपाल में पशुपति नाथ की स्थापना की. वैसे ही माणा गांवा में डॉ. विश्वनाथ कराड ने श्री सरस्वती ज्ञान विज्ञान मंदिर का निर्माण कराया है. यहां सिर्फ उत्तराखंड से ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने कोने से श्रद्धालु दर्शन के लिए आएंगे. इससे गांव की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. स्वामी विवेकानंद ने कहा था, भारत दुनिया में संस्कार के देश के रूप में जाना जाएगा. साथ ही एक अंग्रेजी लेखक ने कहा था कि १८ वीं सदी विज्ञान की, १९ वीं सदीं तकनीक की ओर २१वीं सदी भारत की अधात्म की होगी.
विशेष अतिथि के रुप में पधारे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, इस धरती के कई बेटों ने अपना कर्तव्य निभाते हुए गावों को बसाया है. उसी तरह ने सरस्वती मंदिर को खडा कर माणा गांव की शोभा बढा दी है. समाज के विकास में संतों का अमूल्य योगदान होता है. इसी अध्यात्म के बल पर भारत २१वी सदी में विश्व का नेतृत्व करेगा. विश्व के जाने माने कंम्प्यूटर विशेषज्ञ डॉ. विजय भटकर ने कहा, ज्ञान की देवी सरस्वती है और प्राचीन काल से इसकी पूजा होती है. इस मंदिर का उद्घाटन महत्वपूर्ण घटना है. इस देश में प्राचीन संस्कृति का कार्य हो रहा है और ज्ञान की संस्कृति फिर से उभर रही है.
एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.डॉ. विश्वनाथ दा. कराड ने कहा, १२ साल पहले, मेरी बडी बहन पूर्णब्रह्मयोगिनी त्यागमूर्ति श्रीमती प्रयाग अक्का कराड और कुछ गणमान्य व्यक्ति माता सरस्वती नदी के मूल स्त्रोत को दखने गए थे. तब देवी सरस्वती को समर्पित एक सुंदर और आकर्षक मंदिर बनाने का निर्णय लिया गया. संयोग से माणा गांवा के मुखिया पीतांबर सिंह मोलपा ने उनसे मुलाकात की और उनसे मंदिर निर्माण पर चर्चा की. मैं बहुत खुश हूं कि आज इसका निर्माण हुआ है. इस सरस्वती भूमि माणा गांव के किसी भी छात्र को जो इंजीनियरिंग और चिकित्सा शिक्षा के लिए हमारे संस्थान में आते है, हम उसे मुफ्त में शिक्षा देेंगे.
आयोजित कार्यक्रम में माणा गांव के पंचायत प्रधान पीतांबर सिंह मोलपा, ह.भ.प तुलसीराम कराड, काशीराम कराड, श्रीमती उषा विश्वनाथ कराड, डॉ. हनुमंत कराड और प्रा. स्वाति कराड चाटे मौजूद थे.