देहरादून। इंटरनेशनल नेचुरोपैथी डे पर दून योगपीठ देहरादून द्वारा डी0टी0सी0 इंडिया लिमिटेड के सहयोग से चाय बागान आर्केडिया में आरंभ किए गए ,”देवभूमि संजीवनी” योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद,आध्यात्मिक केंद्र का शुभांरभ टपकेश्वर महादेव मंदिर के महन्त 108 कृष्ण गिरी जी महाराज, पदमश्री कल्याण सिंह रावत ने आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी के पावन सानिध्य में किया, योग कक्ष और नक्षत्र वाटिका का शुभारंभ कल मेयर सुनील उनियाल गामा जी द्वारा किया गया था।
इस अवसर पर आरोग्यम की संस्थापक डा0 सरस्वती काला जी के सहयोग से निशुल्क प्राकृतिक चिकित्सा शिविर लगाया गया जिसमे सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। टपकेश्वर महादेव मंदिर के महंत 108 कृष्ण गिरि जी महाराज ने आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी द्वारा उत्तराखंड को केरल की तर्ज पर वेलनेस का एक बड़ा हब बनाने के प्रयासों को आशीर्वाद देते हुवे देवभूमि के लिए मील का पत्थर बताया।
पदमश्री कल्याण सिंह रावत ने प्राकृतिक दिवस प्राकृतिक वातावरण में मनाने की सराहना करते हुवे देवभूमि सजीवनी द्वारा उत्तराखंड के गावों को योग और आयुर्वेद ग्राम के रुप में विकसित कर पलायन रोकने और रोवर्स पलायन के लिए रामबाण बताया उन्होने, चंपा का पौंधा भी रोपित किया।
देवभूमि संजीवनी के प्रणेता आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी ने बताया कुदरत ने जो नैसर्गिक सौंदर्य, हिमालय, चार धाम सहित हजारों पुरातत्व महत्व के मंदिर, का यमुना जैसी पवित्र नदियां हमे प्रदान की हैं, यदि देव भूमि को योग भूमि के रूप में विकसित किया जाए तो देवभूमि उत्तराखंड की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल सकती हैं जहां एक और स्थानीय लोगों को स्वरोजगार मिलेगा वही संपूर्ण विश्व को स्वास्थ्य लाभ होगा।
डी0टी0सी0 इंडिया लिमिटेड के डायरेक्टर डी0के0 सिंह ने सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ, फलों की टोकरी, और अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया और आभार व्यक्त किया।
श्री परशुराम चतुर्वेद विद्यालय के वेद पाठी ऋषि कुमारों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ करवाया। निर्वाण योग केंद्र सहित विभिन्न योग संस्थानों के बच्चों ने योग आसनों का प्रर्दशन किया। इस अवसर पर डी0टी0सी0 इंडिया लिमिटेड केमैनेजर राहुल उपाध्याय,डा0 मथुरा दत्त जोशी, पर्यावरणविद् जगदंबा प्रसाद मैठाणी, पार्षद बीना रतूड़ी, पार्षद गोविंद गोसाई, ओ0पी0 सपोलिया, साधो सिंह रावत, अभय जैन,योगाचार्य नीरज डोभाल, योगाचार्य रेखा रतूड़ी, योगाचार्य मनोज जोशी, योगाचार्य रमेश शर्मा, आदि का विशेष सहयोग रहा।