गुरु नानक देव जयंती – जूनियर रेडक्रॉस ने प्रकाश पर्व मनाया

शिक्षा हरियाणा समाचार

फरीदाबाद। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव जी की जयंती पर ऑनलाइन कार्यक्रम में गुरु नानक देव जी द्वारा दी गई शिक्षाओं का अनुसरण करने का आह्वान किया। सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर गुरु नानक जयंती मनाई जाती है। यह दिन गुरु पर्व, देव दीपावली और प्रकाश पर्व के रूप में देशभर में उत्साह के साथ मनाया जाता है। नानक साहिब का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी में हुआ था। ये स्थान वर्तमान समय में पाकिस्तान में हैं। इस स्थान को ननकाना साहिब के नाम से भी जाना जाता है। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि
आज भी गुरु नानक देव की शिक्षाएं सही रास्ते पर चलने के लिए लोगों को प्रेरित करती हैं। उनके अनुयायी इन्हें नानक, नानक देव, बाबा नानक और नानक शाह जी जैसे नामों से संबोधित करते हैं। इस दिन प्रातः प्रभात फेरी निकाली जाती है और गुरुद्वारों में कीर्तन व लंगर का आयोजन किया जाता है। सिख धर्म में इस दिन को एक उत्सव की तरह मनाया जाता है। गुरु नानक जी ने अपने उपदेशों से लोगों को जीवन में सही मार्ग दिखा कर सन्मार्ग पर चलने के लिए अग्रसर किया। उनके विचार हमें अपने जीवन में शांति और भाईचारे के आदर्शों का अनुकरण करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। गुरु नानक देव जी ने एक साधारण गृहस्थ जीवन व्यतीत करते हुए एक ओंकार सतनाम, करता पुरख प्राप्त करने के साधन के रूप में सेवा पर जोर दिया। हम सभी को गुरु नानक देव जी के पदचिन्हों पर चल कर अपने समाज में सद्भाव और एकता की भावना को मजबूत करने की आवश्यकता है। नानक देव ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा में लगा दिया। उन्होंने दूर देशों जैसे अफगानिस्तान, ईरान आदि की भी यात्राएं कीं और लोगों के मन में मानवता की अलख जगाई। नानक देव ने पूरे जीवन में दूसरों के हित के लिए काम किए, उन्होंने हमेशा समाज में बढ़ रही कु​रीतियों और बुराइयों को दूर किया और लोगों के जीवन को सुखद बनाने का काम किया नानक देव ने दूसरों के जीवन को संवारने के लिए अपने पारिवारिक जीवन और सुख की चिंता नहीं की। दूर दूर यात्राएं करते हुए वे दूसरे लोगों के जीवन में प्रकाश भरते रहे। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा, गणित प्राध्यापिका डॉक्टर जसनीत कौर और जूनियर रेडक्रॉस सदस्य छात्राओं निशा, अंजली और अंजुम ने गुरु नानक देव जी के दर्शाए मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।

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