नैनीताल। ऋषिकेश में पत्नी की हत्या करने के मामले में निचली अदालत से आजीवन कारावास सजा के खिलाफ आरोपित पति ने हाई कोर्ट नैनीताल ने विशेष अपील दायर की। मामले में कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए निचली अदालत से सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखते हुए अभियुक्त की विशेष अपील को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर मुहर लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की बनखंडी ऋषिकेश निवासी अभियुक्त सुबोध शर्मा की विशेष अपील पर सुनवाई हुई। अभियोजन के अनुसार ने 19 मई 2009 को महेश शर्मा ने थाना लक्ष्मण झूला में एफआईआर दर्ज कर कहा, कि उसकी भतीजी नीतू शर्मा अपने पति सुबोध शर्मा के साथ नीलकंठ के लिए घर से साथ चली थी, लेकिन शाम को वह घर वापस नहीं लौटी। जब उसके पति से पूछा तो बताया कि वह कहीं खो गयी है। तलाश करने पर भी नहीं मिली। अगले दिन पुलिस द्वारा नीतू के शव को ग्राम जोंक से बरामद कर लिया। जब पुलिस ने सुबोध से सख्ती से पूछताछ की तो, उसने अपना जुर्म कबूल लिया। सुबोध शर्मा पत्नी व दो बच्चों के साथ, ससुराल में रह रहा था। निचली अदालत में ट्रायल के दौरान अभियोजन द्वारा अपराध साबित करने को 13 गवाह पेश किए गए। चार जुलाई 2014 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश पौड़ी गढ़वाल की कोर्ट ने अभियुक्त सुबोध शर्मा को आईपीसी की धारा 302 में आजीवन कारावास और 25 हजार का अर्थदण्ड, धारा 201 में तीन साल की सश्रम कारावास व 10 हजार के अर्थदंड से दंडित किया था। इस आदेश के खिलाफ अभियुक्त द्वारा 17 जुलाई 2014 को हाईकोर्ट में विशेष अपील दायर कर चुनौती दी। कोर्ट ने इस मामले में तीन अगस्त 2021 को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया गया।