विश्व एड्स दिवस – एड्स का ज्ञान ही जागरूकता एवं बचाव

शिक्षा हरियाणा समाचार

फरीदाबाद। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन आई टी तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और गाइड्स ने एड्स ज्ञान बचाए जान विषय पर जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया। सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि वर्ल्ड एड्स डे मनाने का उद्देश्य एच आई वी संक्रमण के कारण होने वाली महामारी एड्स के बारे में हर आयु के व्यक्ति के बीच जागरूकता बढ़ाना है। एड्स आज के आधुनिक समय की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार अब तक तीन करोड़ सत्तर लाख से भी अधिक व्यक्ति एच आई वी के शिकार हो चुके हैं जबकि भारत सरकार द्वारा दिए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी के रोगियों की संख्या लगभग तीस लाख के आसपास है। एच आई वी एड्स एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है। इसे चिकित्सा भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस अर्थात एचआईवी के नाम से जाना जाता है। इसे सामान्य बोलचाल में एड्स अर्थात एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से जाना जाता हैं। इसमें जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर प्रहार करता है जिस से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम नहीं हो पाता।एच आई वी से संक्रमित व्यक्ति को ऐसा लगता है कि वह फ्लू से पीड़ित है। प्रारंभिक लक्षणों में थकान, सिरदर्द, बुखार और गर्दन और कमर में सूजन आदि हो सकते है इस अवस्था में प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से कोई भी बीमारी शीघ्र ठीक नही होती। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि जब एच आई वी का ट्रीटमेंट नहीं किया जाता है तो एड्स हो सकता है। एड्स एचआईवी का तीसरा और सबसे उन्नत चरण है। एक व्यक्ति जिस का एचआईवी का निदान नहीं किया गया है या एचआईवी दवाओं के साथ जल्दी से ट्रीटमेंट नहीं किया गया है, उस में एड्स विकसित होने की अधिक संभावना रहती है। विश्व एड्स दिवस के लिए इस वर्ष की थीम है – असमानताओं को समाप्त करें, एड्स का अंत करें। वर्ष 2008 के बाद प्रत्येक वर्ष की थीम को विश्व एड्स अभियान की ग्लोबल स्टीयरिंग कमेटी द्वारा चुना जाता है। प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा, वरिष्ठ प्रवक्ता सतबीर पवार, अंशुल एवम अन्य अध्यापकों ने बालिकाओं को एड्स से जागरूक करने के लिए बनाए गई पेंटिंग की बहुत प्रशंसा की।

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