देहरादून। बताते चले कि बाल विकास विभाग देहरादून मैं तत्कालीन बाल विकास परियोजना अधिकारी सहसपुर के पद पर श्रीमती मंजू कनौजिया को वर्ष 2014 में झुठे आरोपों में विभागीय रंजिश के चलते विजिलेंस के द्वारा मुकदमा अपराध संख्या 6/ 2014 दर्ज कर फसाया गया था जिनका मामला बिजनेस कोर्ट देहरादून विशेष न्यायाधीश माननीय अपर जिला जज तृतीय श्री मनोज गबर्याल जी की कोर्ट में विचाराधीन था जिसमें तमाम दलीलों गवाहों एवं अपने अपनी ओर से दोनों पक्षों की ओर से सबूत पेश किए गए और विजिलेंस के द्वारा कोर्ट में 12 गवाह पेश किए गए और विजिलेंस कोर्ट में श्रीमती मंजू कनौजिया जी की ओर से देहरादून न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज कुमार यादव एडवोकेट ने अपर जिला जज तृतीय श्री मनोज गबराल जी की कोर्ट में मंजू कनौजिया जी की ओर से झूठा फंसाया जाने को लेकर एक लंबी बहस की और जिसमें आज 18 दिसंबर 2021 को न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया और विजिलेंस कोर्ट देहरादून विजिलेंस के द्वारा लगाए गए आरोपों को सिद्ध कर पाने में असफल रही है जिस को मानते हुए विजेंस को देहरादून ने तत्कालीन बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती मंजू कनौजिया जी को दोषमुक्त करते हुए बाईजजत बरी किया गया है