फरीदाबाद। पराक्रम दिवस पर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन आई टी तीन फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में बालिकाओं ने वर्चुअल पोस्टर बना कर भारतीय स्वतंत्रता के महान क्रांतिकारी योद्धा सुभाष चन्द्र बोस को नमन किया। प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि
भारत के जनमानस नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर इस महान राष्ट्र के लिए उनके अतुल्य योगदान को स्मरण करते हुए नमन करते हैं। भारत सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है ताकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उनका सत्कार किया जा सके। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की वर्षगाँठ को चिह्नित करने के लिये वर्ष भर के कार्यक्रमों की योजना बनाने हेतु प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय समिति भी गठित की गई है। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने बताया कि सुभाष चंद्र बोस साहसी, नेतृत्व कौशल में अद्वितीय और असाधारण वक्ता थे। वे स्वयं तो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सम्मिलित थे साथ ही उन्होंने अन्य कई लोगों को भारतीय राष्ट्रीय सेना में सम्मिलित होने और भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया था। नेताजी के नाम से लोकप्रिय सुभाष चंद्र बोस ने अंग्रेजों से लड़ने के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। सुभाष चंद्र बोस ने 1938 से 1939 तक कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया था। इससे देश के लोगों विशेषकर युवाओं को विपत्ति का सामना करने में नेताजी के जीवन से प्रेरणा मिलेगी और उनमें देशभक्ति और साहस की भावना समाहित होगी। वर्ष 1919 में सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय सिविल सेवा परीक्षा पास की यद्यपि कुछ समय बाद उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था।
वे स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से अत्यधिक प्रभावित थे और उन्हें अपना आध्यात्मिक गुरु मानते थे। सरकार ने फैसला किया है कि गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत अब प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी के स्थान पर 23 जनवरी से होगी। स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती इस समारोह में सम्मिलित होगी। इससे पूर्व बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की गई थी। विद्यालय द्वारा आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में छात्रा सृष्टि मेघवाल, रितु, सिया, हर्षिता और निशा ने अपने अध्यापकों डॉक्टर जसनीत कौर और पूनम, मनीषा, संजय मिश्रा सहित सभी अध्यापिकाओं का विशेष आभार व्यक्त किया।