फरीदाबाद। शिक्षा विभाग के आदेशानुसार राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन आई टी तीन फरीदाबाद में प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा के निर्देशानुसार जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और गाइड्स ने शहीदों की स्मृति में दो मिनट वर्चुअल मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की और ऑनलाइन कुष्ठ रोग उन्मूलन जागरूकता अभियान भी चलाया। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर देश के लिए बलिदान हुए शहीदों और राष्ट्रपिता को दो मिनट मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है और कुष्ठ रोग उन्मूलन जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। कुष्ठ रोग उन्मूलन और निवारण अभियान चलाए जाने के विशेष उद्देश्य हैं। जैसे कि कुष्ठ रोग का प्राथमिक अवस्था में पहचान कर शीघ्र पूर्ण उपचार करना, संकामक रोगियों का शीघ्र उपचार कर संकमण की रोकथाम करना, नियमित उपचार द्वारा विकलांगता से बचाव, विकृतियों का उपचार कर रोगियों को समाज का उपयोगी सदस्य बनाना तथा स्वास्थ्य शिक्षा द्वारा समाज में इस रोग के सम्बन्ध में फैली गलत अवधारणाओं को दूर करना। प्रधानाचार्य मनचंदा ने बताया कि कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं है। समय पर उपचार कराने से इस रोग से मुक्ति पाई जा सकती है। कुष्ठ रोग के प्रति सरकार की ओर से चलाए जा रहे अभियान और प्रसार का व्यापक प्रभाव दिखने लगा है उन्होंने बताया कि कुष्ठ एक जीर्ण संक्रमण रोग है। इससे त्वचा, श्वसन तंत्र और आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। शरीर में सुन्नता, जलन, चुभन और दर्द का आभास कम होना या न होना कुष्ठ रोग की पहचान है। उन्होंने कहा कि पिचनवे प्रतिशत लोगों में प्राकृतिक रूप से कुष्ठ रोग के प्रति प्रतिरोधक क्षमता होती है। जिसके कारण वह इस रोग से प्रभावित नहीं होते हैं। दो से पांच प्रतिशत लोग ही कुष्ठ रोग के जीवाणु से प्रभावित होते हैं। अगर कोई व्यक्ति ऐसे कुष्ठ रोगी के 8 से 10 घंटे लगातार संपर्क में रहता है जिसका इलाज नहीं चल रहा है तो वह स्वस्थ व्यक्ति भी इस रोग से प्रभावित हो सकता है। इस रोग के लक्षण दिखने में दो से पांच वर्ष का समय लग सकता है। विद्यालय के प्रधानाचार्य, अध्यापकों और बच्चों ने दो मिनट का वर्चुअल मौन रख कर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुनयतिथि पर उनको श्रद्धांजलि दी और प्राध्यापिका डॉक्टर जसनीत कौर एवम छात्राओं सिया एवम निशा कुमारी द्वारा सलोगन लिख कर कुष्ठ रोग के विषय में जागरूक किया।
