देहरादून। प्रदेश में सात फरवरी से कक्षा एक से 9 वीं तक के सभी सरकारी और निजी स्कूल खुलेंगे। स्कूल भौतिक रूप से खुलने के साथ ही ऑनलाइन माध्यम से भी पढ़ाई जारी रहेगी। शासन ने स्कूल खोलने के आदेश के साथ ही इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।
शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी आदेश के मुताबिक छात्र-छात्राओं के शैक्षिक हितों को ध्यान में रखते हुए शासन स्तर पर विचार के बाद कक्षा 1 से 9 वीं तक के समस्त शिक्षा बोर्डों के शिक्षण संस्थानों को भी भौतिक रूप से 7 फरवरी से खोले जाने की अनुमति दी गई है। स्कूल खुलने के दौरान एसओपी का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। आदेश में कहा गया है कि स्कूलों का संचालन हाईब्रिड मोड में किया जाएगा। भौतिक शिक्षण के साथ-साथ ऑनलाइन शिक्षण की व्यवस्था होगी। अध्यापन कार्य के दौरान शिक्षक मोबाइल या अन्य उपकरण से कक्षा शिक्षण कार्य को ऑनलाइन लाइव प्रसारित करेंगे। ताकि ऐसे छात्र-छात्राएं जो स्कूल में भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो पा रहे हों, वे घर पर रहकर कक्षा शिक्षण से जुड़ सकें।
प्रदेश में अगले आदेश तक आंगनबाड़ी केंद्र रहेंगे बंद
प्रदेश में स्कूलों को खोलने का आदेश किया गया है, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र अगले आदेश तक बंद रहेंगे। प्रदेश में 20 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्र हैं।
प्रदेश का हर स्कूल एक नोडल अधिकारी करेगा नामित
कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रदेश का हर स्कूल एक नोडल अधिकारी नामित करेगा। जो सोशल डिस्टेन्सिग एवं कोविड प्रोटोकाल सम्बन्धी दिशा-निर्देशों का पालन कराने के लिए उत्तरदायी होगा। यदि स्कूल के छात्रों, शिक्षकों एवं अन्य स्टाफ के मध्य संक्रमण की स्थिति पैदा होती है, तो इससे समय पर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को सूचित करने जिम्मेदारी स्कूल प्रिंसिपल और नोडल अधिकारी की होगी। यदि किसी छात्र या शिक्षक में खांसी, जुकाम या बुखार के लक्षण प्रतीत होते हैं तो उन्हें प्राथमिक उपचार देते हुए आवासीय परिसर में आईसोलेशन कक्ष की व्यवस्था की जाएगी।
स्कूल को करनी होगी छात्र के लिए मास्क की व्यवस्था
शासन की ओर से जारी एसओपी में कहा गया है कि शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्रों के मास्क पहनने के बाद ही उन्हें स्कूल में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। यदि कोई छात्र बिना मास्क के स्कूल आते हैं तो स्कूल ऐसे छात्र-छात्राओं के लिए मास्क की व्यवस्था करेगा। स्कूल अवधि में एवं घर से आते एवं जाते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। स्कूल में सेनेटाइजर, हैण्डवाश थर्मलस्कैनिंग एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था की जाएगी।
आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट देनी होगी
बोर्डिंग, डे-बोर्डिंग स्कूल में आवासीय परिसर में निवास करने वाले शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का प्रमाण पत्र या अधिकतम 48 घंटे पूर्व की प्राप्त आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करने पर ही स्कूल में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
छात्रों के स्कूल आने के लिए अभिभावकों की लेनी होगी सहमति
शासन की ओर से जारी एसओपी के मुताबिक बोर्डिंग, डे-बोर्डिंग स्कूल में छात्र-छात्राओं को अभिभावकों की सहमति के बाद ही स्कूल में भौतिक रूप से उपस्थिति होने की अनुमति दी जाएगी। स्कूल खुलने के तीन दिन में इस आशय की सहमति प्राप्त कर ली जाएगी। इसके अलावा स्कूल में भौतिक रूप में उपस्थित होने के लिए किसी भी छात्र-छात्रा को बाध्य नहीं किया जाएगा।
ट़यूशन फीस के अलावा नहीं लिया जाएगा कोई शुल्क
शासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि स्कूल प्रबंधन यह तय करेंगे कि बच्चों से शिक्षण शुल्क के अलावा अन्य गतिविधियों से सम्बन्धित शुल्क किसी भी दशा में न लिया जाय और न ही प्रथम चरण में पाठ्येत्तर गतिविधियों का आयोजन किया जाय।
स्कूल के पूरे स्टाफ का हो वैक्सीनेशन
आदेश में कहा गया है कि स्कूल के पूरे स्टाफ का वैक्सीशन जिला प्रशासन के सहयोग से प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए।
कक्षा एक से 5वीं तक के स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई के लिए करेंगे समय तय
कक्षा एक से 5वीं तक की कक्षाओं में भौतिक रूप से पठन-पाठन के साथ-साथ संबंधित स्कूल के ऑनलाइन पढ़ाई के लिए अभिभावकों के पास उपकरणों की उपलब्धता के आधार पर ऑनलाइन पढ़ाई के लिए समय तय करेंगे। जिन बच्चों के पास ऑनलाइन पढ़ाई की सुविधा नहीं है उनके लिए ऑफलाइन अधिगत सामग्री घर पर उपलब्ध कराने के लिए स्कूल स्तर पर विशेष कार्य योजना बनाई जाएगी।
स्कूलों में प्रार्थना सभा, खेल पर रोक
स्कूलों में प्रार्थना सभा, बाल सभा, खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं अन्य सामुहिक गतिविधियाँ, जिसमें अधिक छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया जाता है। उन पर अगले आदेश तक रोक रहेगी। अन्य गतिविधियों जिसमें कम से कम छात्र-छात्राओं का प्रतिभाग होता है को सामाजिक दूरी का पालन करते हुए संचालित किया जा सकता है।
स्कूलों में बच्चों को अभी नहीं मिलेगा पका भोजन
स्कूलों में मध्याहन भोजन योजना की वर्तमान व्यवस्था जिसके तहत बच्चों को खाद्यान, मध्याहन भोजन सामग्री दी जा रही है को जारी रखते हुए स्कूलों में अभी पका-पकाया भोजन उपलब्ध नहीं कराया जाएगा, लेकिन भोजन माता नियमित रूप से स्कूल में उपस्थित रहेंगी। स्कूल परिसर में छात्र-छात्राओं को लंच बाक्स लाने की अनुमति प्रधानाचार्य व स्कूल प्रबन्धन कोविड दिशा निर्देशों का पालन कराते हुए अपने स्तर से निर्णय लेंगे।