फरीदाबाद। शिक्षा विभाग के आदेशानुसार राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन आई टी तीन फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में महान समाज सुधारक और विचारक स्वामी दयानंद सरस्वती जयंती पर विशेष आयोजन किया गया। छात्राओं ने स्वामी जी के जीवन दर्शन एवम चरित्र को लेखनी और पेटिंग के माध्यम से दर्शाया। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी जी एक स्वतंत्र विचारक थे किसी परंपरा और पूर्वाग्रह से बंधे रहना उन्हें स्वीकार न था। स्वामी दयानंद द्वारा देश की स्वतंत्रता का यह शंखनाद ही आगे चलकर भारत के जन-मन में गूंजने लगा। स्वाधीनता के इतिहास में जितने भी आंदोलन हुए उनके बीज स्वामी जी अपने अमर ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश के माध्यम से डाल गए थे। प्राचार्य मनचंदा ने बताया कि स्वदेशी आंदोलन के मूल सूत्राधार भी महर्षि दयानंद ही थे। उन्होंने लिखा है कि जब परदेशी हमारे देश में व्यापार करेंगे तो दारिद्रय और दुःख के सिवा दूसरा कुछ भी नहीं हो सकता। जब स्वामी जी के गुरु ने दयानंद से गुरु दक्षिणा का पूछा तब गुरु विरजानंद ने इन्हें समाज सुधार, समाज में व्याप्त कुरूतियों के खिलाफ कार्य करने, अंधविश्वास को मिटाने, वैदिक शास्त्र का महत्व लोगो तक पहुँचाने, परोपकार ही धर्म हैं, इसका महत्व सभी को समझाने जैसे कठिन संकल्पों में बाँधा और इसी संकल्प को अपनी गुरु दक्षिणा बताया। उस समय बाल विवाह की प्रथा सभी जगह व्याप्त थी सभी उसका अनुसरण सहर्ष करते थे। तब स्वामी जी ने शास्त्रों के माध्यम से लोगो को इस प्रथा के विरुद्ध जगायाा। स्वामी जी ने बाल विवाह के साथ साथ
सती प्रथा का भी उन्मूलन किया। उन्होंने विधवा पुनर्विवाह तथा नारी शिक्षा और समानता का प्रचार और प्रसार किया। वर्ण भेद का विरोध करते हुए उन्होंने एकता का भी संदेश दिया। स्वामी जी के सिद्धांतो पर चल कर आज हम बहुत सी कुप्रथाओं को छोड़ चुके हैं। कॉर्डिनेटर अध्यापिका अंशुल, सतबीर पवार, मौलिक मुख्याध्यापिका पूनम, प्रवीण, संजय मिश्रा, सूबे सिंह, रेनू, रेखा, प्रियंका रानी सहित सभी अध्यापकों ने आवश्यक सहयोग किया। विशेष आयोजन में छात्राएं वरिष्ठ वर्ग में निबंध में लंक्ष्मी प्रथम, तन्नू द्वितीय और सपना तृतीय तथा पोस्टर में पल्लवी, कोमल और भावना प्रथम, द्वितीय और तृतीय रही। कनिष्ठ वर्ग में सिमरन, प्राची टैगोर और सरोज प्रथम, द्वितीय और तृतीय
और ऋतु व संजना को प्रथम, द्वितीय और कृतिका व प्रीति को तृतीय घोषित किया गया। प्राचार्य मनचंदा ने विशेष आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।