देहरादून। देश में स्वच्छ शहरों की रैंकिंग के लिए होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 में शहरवासी तय करेंगे कि उनका शहर स्वच्छ है या नहीं है। इस बार स्टार रेटिंग के नए मानक में जनता का फीडबैक अहम होगा। दून शहर कितना स्वच्छ है? शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा उठान की क्या स्थिति है? क्या शहर में पालिथीन प्रयोग हो रही है? जैसे सवालों का जवाब जनता देगी। सर्वेक्षण की तैयारियों को लेकर महापौर सुनील उनियाल गामा आमजन को जागरूक करने को वार्डों में अभियान चला रहे तो नगर आयुक्त अभिषेक रूहेला ने भी जनता से फीडबैक में बढ़-चढ़कर शामिल होने की अपील की है। स्वच्छता सर्वेक्षण की स्टार रेटिंग में शहर में प्लास्टिक उपयोग पर प्रतिबंध, गंदगी की शिकायतों के समाधान में 100 फीसद नंबर जनता के फीडबैक पर मिलेंगे। ऐसे में यह साफ है कि यदि काम ठीक से होगा, तभी जनता साथ देगी, वरना नहीं। स्टार रेटिंग के पैरामीटर के हिसाब से नगर निगम तैयारी में लगा हुआ है। नए नियमों में जुर्माना आदि को लेकर भी जनता के फीडबैक के आधार पर ही नंबर मिलेंगे। घरों से कूड़ा उठान के 80 फीसद नंबर जनता के फीडबैक जबकि 20 फीसद नंबर सर्वे करने वाली टीम देगी। नालों और अन्य जलस्रोतों की स्वच्छता पर आमजन का फीडबैक नहीं लिया जाएगा। नगर आयुक्त ने स्वास्थ्य अनुभाग को मेडिकल वेस्ट, सैनेटरी नेपकिन व डायपर्स आदि का अलग से उठान करने के निर्देश दिए। डोर-टू-डोर कूड़ा उठान वाहनों में अलग से डिब्बा लगाने का निर्देश दिया। मेडिकल वेस्ट के लिए प्लांट नहीं होने की वजह से इसका कूड़ा भी सामान्य कूड़े के साथ प्लांट पहुंचने की शिकायतें मिल रही हैं। आयुक्त ने इस पर रोक लगाने के निर्देश दिए। आयुक्त ने सभी सफाई निरीक्षकों एवं सुपरवाइजरों को स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए पूरी तत्परता से अपने कार्यों के निर्वहन का निर्देश दे सभी मापदंडों के तहत स्वच्छता पर विशेष फोकस करने को भी कहा। इस दौरान उन्होंने सभी शहरवासियों से अपील की है कि सभी अपने आसपास की सफाई व्यवस्था को सर्वोच्च रखते हुए स्वच्छता पर ध्यान दें। स्टार रेटिंग में पांच लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सिटीजन फीडबैक के लिए छह कैटेगरी बनाई गई हैं। जबकि पहले सामान्य तौर पर सिटीजन फीडबैक लिया जाता था। इनमें समाज के हर वर्ग को शामिल किया गया है।