नियमित दिनचर्या, शारीरिक श्रम और संतुलित आहार से कैंसर को करें परास्त

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राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सराय ख्वाजा फरीदाबाद में जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड और गाइडस ने प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा के निर्देशानुसार राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस पर विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। जे आर सी काउंसलर, ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस 7 नवंबर को भारत में कैंसर इसके लक्षणों और उपचार के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस सर्वप्रथम 2014 में मनाया गया था। इस दिवस की जागरूकता का उद्देश्य कैंसर के शुरुआती चरणों में ही इसका पता लगाने और उसका समय पर उपचार करने पर केंद्रित है। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार कैंसर को कोशिकाओं के अप्रतिबंधित बहिर्वाह के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। विशिष्ट कोशिकाएं एक गांठ को जन्म देते हुए विभाजित और गुणा करना शुरू करती हैं। कैंसर सौ से अधिक प्रकार के होते हैं। जब शरीर में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होती है तो इससे कैंसर होता है और अन्य ऊतकों पर भी आक्रमण करता है। यह शरीर के लगभग किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। सबसे महत्वपूर्ण है कि प्रारंभ में ही कैंसर को डायग्नोस कर लिया जाए। लेकिन जब तक प्रभावी तरीके से हम यह नहीं बता सकते हैं कि हर प्रकार के कैंसर का कारण क्या होता है तब तक हम सबसे सामान्य लक्षणों को जानने का प्रयास कर सकते हैं। यदि हम हमारे शरीर में होने वाले छोटे-छोटे बदलाव पर ध्यान देंगे तो कैंसर को लक्षणों को जन सकेंगे। ब्रिगेड और जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी और प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि अधिकतर केसेज में, कैंसर का अंत चरण में निदान किया जाता है जिससे रोगी के बचने की संभावना कम हो जाती है। भारत में यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में हर 8 मिनट में एक महिला की मृत्यु सर्वाइकल कैंसर से होती है। 2018 में पुरुषों और महिलाओं के बीच तंबाकू के उपयोग के कारण 3,17,928 मौतें हुईं। एक अध्ययन के अनुसार पुरुषों में मौखिक गुहा और फेफड़ों के कैंसर में एक चौथाई से अधिक मौतें होती हैं और महिलाओं में स्तन और मौखिक गुहा के कैंसर में मृत्यु के बहुत अधिक केस होते है। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि उचित दिनचर्या, संतुलित और वातावरण अनुकूल आहार, व्यायाम, योग और नियमित चिकित्सीय परीक्षण द्वारा कैंसर से बचाव और उपचार संभव है। उन्होंने बताया कि बदलती जीवन शैली और वायु, जल एवम् पर्यावरण प्रदूषण के कारण कैंसर जैसी भयंकर बीमारियां दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही हैं। सकारात्मक सोच और समय रहते निदान द्वारा निश्चित ही कैंसर जैसी बीमारी के इलाज पर विजय प्राप्त हो सकती है। प्राचार्य मनचन्दा और जे आर सी छात्राओं निशा, चंचल यादव, अनामिका तथा अंकिता ने पोस्टर द्वारा कैंसर से जागरूक रहने का तथा पॉजिटिव थिंकिंग से कैंसर से सतर्क रहने का संदेश दिया।

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