फरीदाबाद . गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सराय ख्वाजा फरीदाबाद की जूनियर रेडक्रॉस, सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड और स्काउट्स गाइड्स ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा के निर्देशानुसार अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस पर नर्सिंग सेवा में समर्पित जनों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। नोबल नर्सिंग सेवा की शुरूआत करने वाली फ़्लोरेन्स नाइटिंगेल के जन्म दिवस पर हर वर्ष विश्व भर में नर्स दिवस बारह मई को मनाया जाता है। नर्स दिवस को मनाने का प्रस्ताव पहली बार अमेरिका के स्वास्थ्य, शिक्षा और कल्याण विभाग के अधिकारी डोरोथी सदरलैंड ने दिया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डी डी आइजनहावर ने इसे मनाने की स्वीकारता प्रदान की। जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड अधिकारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने बताया कि नर्सिंग को प्रारंभ करने वाली फ्लोरेंस नाइटइंगेल के जन्म दिवस 12 मई को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाने का निर्णय 1974 में लिया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में धनी और निर्धन दोनों प्रकार के देशों में नर्सोंं की कमी है। विकसित देश अपने यहाँ नर्सोंं की कमी को अन्य देशों से नर्सोंं को बुलाकर पूरा कर लेते हैं और उनको वहाँ पर अच्छा वेतन और सुविधाएँ देते हैं, जिनके कारण वे विकसित देशों में जाने में देरी नहीं करती हैं। दूसरी ओर विकासशील देशों में नर्सोंं को अधिक वेतन और सुविधाओं की कमी रहती है और आगे का भविष्य भी अधिक उज्ज्वल नहीं दिखाई देता जिसके कारण वे विकसित देशों के बुलावे पर नौकरी के लिए चली जाती हैं। मनचंदा ने कहा कि उन्हें लंबे समय तक कार्य करना पडता है और उनको सभी सुविधाएँ नहीं दी जाती हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों और अस्पतालों में नर्सों की कमी को ध्यान में रखते हुए विवाहित महिलाओं को भी नर्सिंग पाठयक्रम में प्रवेश लेने की अनुमति दी गई है। नर्सिंग को विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य व्यवसाय के रूप में माना जाता है। नर्स को फिजिकली ही नहीं मानसिक और सामाजिक स्तर पर भी पहलुओं के माध्यम से रोगी की देखभाल करने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित, शिक्षित और अनुभवी होना चाहिए। जब पेशेवर चिकित्सक दूसरे रोगियों को देखने में व्यस्त होते है तब रोगियों की चौबीस घंटे देखभाल करने के लिए नर्सिस की सुलभता और उपलब्धता होती हैं। नर्सिस से रोगियों के मनोबल को बढ़ाने वाली और उनकी बीमारी को नियंत्रित करने में मित्रवत, सहायक और स्नेहशील होने की आशा की जाती है। हर वर्ष आज ही के दिन राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार दिया जाता है। इसकी शुरुआत उन्नीस सौ तेहत्तर में भारत सरकार के परिवार एवं कल्याण मंत्रालय ने की थी। पुरस्कार से नर्सों की सराहनीय सेवा को मान्यता प्रदान किया जाता है। अब तक लगभग दो सौ पछाड़ नर्सों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार हर वर्ष देश के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगल पुरस्कार में पचास हज़ार रुपए, एक प्रशस्ति पत्र और मेडल दिया जाता है। नर्स दिवस पर उन की निःस्वार्थ सेवाओं को वंदन करते हुए छात्राओं, प्राध्यापिका गीता, सरिता और प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया तथा आज के दिवस को विशेष बताते हुए उन के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
