रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग जिला स्थित गौरीकुंड में भारी भूस्खलन से 19 लोगों की लापता होने की सूचना है। इनमें से चार शव बरामद क लिए गए। अब 15 लापता लोगों के लिए ढूंढने के लिए रेस्क्यू जारी है। देर रात से जारी भारी बारिश आफत बनकर बरसी है। बारिश के कारण चट्टान टूटने की सूचना देर रात मिली थी, जिसके बाद एसडीआरएफ सहित जिला प्रशासन की टीम मौके पर रेस्क्यू के लिए पहुंची थी, लेकिन रात को रेस्क्यू करने में आ रही दिक्कतों के कारण अभियान को रोकना पड़ा। इसके बाद सुबह फिर रेस्क्यू शुरू किया गया, लेकिन लगातार बारिश चुनौती बनी हुई है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने अवगत कराया है कि पुलिस के माध्यम से प्राप्त सूचना के अनुसार केदारनाथ यात्रा मार्ग गौरीकुंड डाटपुलिया के समीप भारी भू-स्खलन से लापता होने वाले 13 लोगों के ( तीन स्थानीय, सात नेपाल मूल के और तीन अन्य राज्य ) अलावा बीर बहादुर पुत्र हरि बहादुर, सुमित्रा पत्नी बीर बहादुर, निशा पुत्री बीर बहादुर निवासी ग्राम व थाना राया जिला होमला आंचल करनाली, नेपाल, धर्मराज बूढ़ा पुत्र मुन बहादुर निवासी पेरे वार्ड नंबर-2 थाना दिल्ली चौरा जिला जमुला आंचल जिला करनाली नेपाल, चंद्र कामी पुत्र लाल बहादुर एवं सुखराम रावत पुत्र जोरा निवासी चौरा वार्ड नंबर-2 थाना दिल्ली चौरा जिला जमुला आंचल करनाली नेपाल भी घटना के बाद लापता बताए जा रहे हैं। इस घटना में अब तक 19 लोगों की लापता होने की सूचना है।
वर्तमान समय में हो रही मानसूनी बारिश के चलते कल देर रात्रि को केदारनाथ धाम यात्रा के मुख्य पैदल पड़ाव गौरीकुण्ड के निकट डाट पुलिया के पास ऊपर पहाड़ी से भारी मात्रा में भूस्खलन हो जाने के कारण चट्टान व मलबा आ जाने से वहॉं पर बनी दुकाने व उनमें रह रहे लोग इसकी चपेट में आ गये थे। सूचना मिलने पर रात्रि को ही गौरीकुण्ड व सोनप्रयाग का पुलिस बल, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जनपदीय आपदा प्रबन्धन विभाग सहित स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। रात्रि में हो रही भारी बारिश व यहॉं पर फिर से चट्टान इत्यादि गिरने की सम्भावनों के चलते रात्रि के समय रेस्क्यू कार्य में दिक्कतें आयी। यहॉं पर सभी के द्वारा निरन्तर रेस्क्यू कार्य सुचारु रखा गया। आज प्रातःकाल स्वयं जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग डॉ0 सौरभ गहरवार एवं पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग डॉ0 विशाखा अशोक भदाणे मौके पर पहुॅंचे और वहॉं पर हुए घटनाक्रम की जानकारी व नुकसान का जायजा लिया गया। उनके द्वारा सर्च एवं रेस्क्यू कार्य में लगे पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ सहित सभी को स्वयं के सुरक्षात्मक उपायों व सावधानी के साथ रेस्क्यू कार्य किये जाने के निर्देश दिये गये।