देहरादून। उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के आह्वान पर सशख्त भू क़ानून उत्तराखंड में अविलम्ब लागू करने को लेकर मुख्यमंत्री आवास घेराव में उत्तराखंड क्रांति दल के नेतृत्व ने संगठन के साथ प्रतिभाग किया। उत्तराखंड क्रांति दल का स्पष्ट मानना पूर्व से ही रहा हैं कि सर्व प्रथम राज्य की भूमि बचनी चाहिए, इसलिए अनुच्छेद 371 राज्य में लागू होना चाहिए जिससे राज्य की भूमि पर बाहरी लोगो की खरीद पर रोक लग सके। व राज्य में मूल निवास सन 1950 लागू हो। उत्तराखंड क्रांति दल के राजनैतिक मुद्दे मुख्य रूप से रहे। दल राज्य के जन सरोकारों के मुद्दों पर हर उस संगठन के साथ हैं जो इन मुद्दों को लेकर मुखर रहते हैं। आज सभी आंदोलनकारी संगठनों और उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच को दल आज के सफल घेरवा कार्यक्रम के लिए बधाई देता हैं साथ ही उत्तराखंड क्रांति दल आह्वान करता कि राज्य के मुद्दों पर सभी को सरकार के खिलाफ मुखर होना पड़ेगा। आज घेराव कार्यक्रम में दल के शीर्ष नेता दिवाकर भट्ट, त्रिवेंद्र सिंह पंवार, सुरेन्द्र कुकरेती, एपी जुयाल, पूरण सिंह सिंह कठेत, सुनील ध्यानी, सरिता पुरोहित, मोहन असवाल, प्रताप कुंवर, जय प्रकाश उपाध्याय, बिजेंद्र रावत, राजेंद्र बिष्ट, सेवक सिंह राणा, विपिन रावत, शकुंतला काळूड़ा, रामेश्वरी चौहान, मीनाक्षी घिल्डियाल,प्रमिला रावत, राजेश्वरी रावत, राजेंद्र बिष्ट, राजेंद्र प्रधान, शैलेश गुलेरी, गणेश काला, धर्मवीर गुसाई, किरण रावत, अशोक नेगी, धर्म वीर नेगिब, मनोज कंडवाल, प्रवीण रमोला, प्रमिला रावत, अतुल बेंजवाल, आयुषी नौटियाल, भोला प्रसाद चमोली, जितेंद्र पंवार, ब्रिज मोहन सजवाण, मनीष रावत,प्रकाश भट्ट, मोहित डीमरी, नैना लखेड़ा, सरोज रावत, सरस्वती बडोला, नीलम लखेड़ा, उषा रमोला, पूजा गुलाटी,सहित सैकड़ो कार्यकर्ताओ ने प्रतिभाग किया।