ऋषिकेश में 10 गुणा लगान दे हासिल भूमि पर कब्जा करना चाह रहे भूमाफिया

अन्य उत्तराखंड कुमांऊँ समाचार गढ़वाल समाचार देश

ऋषिकेश: ऋषियों की भूमि ऋषिकेश में भी भूमाफियाओं की गिद दृष्टि लग गई है। भूमि कब्जे के नित दिन नये मामले सामने आने से धामी सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। ऐसा ही एक मामला भूमि कब्जे का इन दिनों ऋषिकेश से लेकर देहरादून तक सुर्खियों में है। जिसमें भूमाफियाओं ने न्यायालय के आदेशों पर भी ताक पर लगा दिया है और अफसरों के निर्देशों की भी धज्जियां उड़ा दी है।
क्या है मामला
यह मामला उस समय शुरू हुआ जबकि देहरादून जिला था और ऋषिकेश तहसील। ऋषिकेश की खसरा नम्बर 276/6/7 क्षेत्रफल 12 एकड़ अर्थात 4.856 हेक्टेयर की भूमि राममूर्ति पुत्र स्व0ठाकुर दास निवासी 3-ए आमबाग बरेली उत्तर प्रदेश के नाम सीरदार के रूप में रेवेन्य रिकार्ड में दर्ज थी। यह भूमि श्री राममूर्ति द्वारा तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार को 10 गुणा लगान अदाकर भूमिधर अधिकार के रूप में प्राप्त की थी और प्रारंभ में खाता संख्या 338, खसरा नम्बर 276/6/7 अवधि 1359 फसली से श्री राममूर्ति पुत्र स्व0 ठाकुसर दास के नाम पर दर्ज चली आ रही थी। सरकार को लगान अदा करने के बाद राममूर्ति पुत्र स्व. ठाकुर दास का नाम रजिस्टार मालकान आर-6 के यहां 1956 से 1975 के पृष्ठ संख्या 116, क्रमांक 69, 69/2026/3.01.59 पर दर्ज है। खतौनी ग्राम ऋषिकेश परगना परवादून 1360-1361 फसली जिसमें भूमि खसरा नम्बर 276/6 मि0 के सम्बन्ध में 12.00 एकड के सम्बन्ध में श्री राममूर्ति पुत्र ठाकुर दास एवं खतौनी ग्राम ऋषिकेश परगना परवादून 1372-1374 फसली खसरा नम्बर 276/6/7 मि0 के सम्बन्ध में 12 एकड के सम्बन्ध में श्री राममूर्ति पुत्र ठाकर दास का नाम दर्ज है। श्री राममूर्ति की मृत्यु के बाद उनके पुत्र देवमूर्ति का नाम भूमि खसरा नम्बर 276/6/7 ग्राम ऋषिकेश की भूमि पर काबिज हैं और भूमिधर के रूप में रवैन्यू रिकार्ड में दर्ज चल रहे हैं।
यूं रचा कब्जे का प्लान
आरोप है कि अशोक प्रपन्न शर्मा द्वारा रंजीशवश राममूर्ति की पत्नी, पुत्र एवं पुत्रियों को पक्षकार बनाते हुए एक मुकदमा 468/1999, भरत जी महाराज बनाम श्रीमती रामरक्खी आदि दायर किया। जिसमें राममूर्ति को अपना पट्टेदार दर्शाया गया और उक्त मुकदमा गुणदोश के आधार पर दिनांक 17 दिसंबर 2022 को न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया। जिसके खिलाफ प्रथम अपील 1 वर्ष 2023 भरत जी महाराज बनाम श्रीमती रामरक्खी देवी आदि दिनांक 20 अक्टूबर 2023 को पारित निर्णय के माध्यम से निरस्त कर दिया गया।
मुकदमा हारने के बावजूद कब्जा
देवमूर्ति आदि के मुताबिक मुकदमें हारने के बाद वत्सल प्रशन्न शर्मा द्वारा बलपूर्वक श्री देवमूर्ति की भूमि पर दुकान बनाकर विभिन्न लोगों को विक्रय करने की नियत से चोरी छिपे निर्माण कार्य भू-माफिया ललित जिंदल, अजय गर्ग आदि गिरोहबन्द लोगों की मदद से श्री देवमूर्ति की भूमि पर अवैधानिक निर्माण प्रारंभ कर दिया गया। जिसे कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण जिला मजिस्ट्रेट देहरादून, उप जिलाधिकारी ऋषिकेश थाना अध्यक्ष ऋषिकेश एवं अवर अभियंता एमडीडीए द्वारा तत्परता से कार्यवाही करते हुए स्थल पर निर्माण कार्य रुकवाया गया और अवैध निर्माण को सील करने के आदेश पारित किये गए। 6 फरवरी 2024 को उपजिलाधिकारी ऋषिकेश द्वारा अवैध निर्माण सील होने के उपरान्द भी मौका स्थल पर कार्य किया जाने से तत्काल रोक लगाने हेतु जिलाधिकारी के निर्देश पर तत्काल कार्यवाही की गई। देवमूर्ति के मुख्तारेआम अतुल गोयल द्वारा अगत कराया गया कि स्थल पर जिस भूभाग पर अवैध निर्माण किया जा रहा है वह उनके अधिकार स्वामित्व की भूमि है और किसी को भी हस्तक्षेप करने का अधिकारी नहीं। अतुल गोयल ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि ललित जिंदल, अजय गर्ग आदि जो भूमाफिया है ौर उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है वह अतुल गोयल को धमकाने बलपूर्वक कब्जा करने एवं परिणाम भुगतने की धमकी दे रहे हैं। एमडीडीए में भी बनायी जा रही दुकानों की स्वीकृति नहीं ली है। ऐसे में पीड़ितों ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यह समस्त जानकारी एक प्रेसवार्ता में दी गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *