देहरादून। अखिल भारतीय पंचायत परिषद के उत्तराखंड संयोजक व पूर्व राज्य मंत्री मनीष कुमार ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि रोडवेज कर्मियों को महीनों से वेतन व एरियर ना मिलना सरकार की विफलता को दर्शाता है। अब तो न्यायालय ने भी राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है, सरकार ने कर्मचारियों के मौलिक व संवैधानिक अधिकारों का हनन किया है। जिसके कारण रोडवेज कर्मियों के भूखे मरने की नौबत आई है। उनकी स्थिति बद से बदतर हो गई और सरकार अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अपनी उपलब्धियां गिना रही है। यह बहुत ही शर्मनाक बात है जो कर्मचारी दिन रात, आंधी तूफान, बारिश- गर्मी में मेहनत से अपना काम कर रहे हैं उनकी ही इस सरकार को परवाह नहीं है। कितने शर्म की बात है की न्यायालय को वेतन व एरियर दिलवाने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ रहा है। यह सरकार शुरू से ही कर्मचारी, किसान, मजदूर, महिला, बेरोजगार विरोधी है। यह डबल इंजन मिलने के बाद भी राज्य वासियों के हितार्थ कोई ठोस व लाभकारी योजनाएं नहीं ला पाए इन्होंने डबल इंजन को भी खराब कर दिया है। कर्मचारियों, किसानों , मजदूरों आदि का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार के आपस के झगड़े व अनुभव हीनता राज्य के लिए घातक सिद्ध हुई है। लगभग साडे 4 साल में ये राज्य के विकास लिए कोई ठोस योजना नहीं बना पाए। अगर सरकार में जरा सी भी शर्म बाकी है तो रोडवेज कर्मियों का एरियर व वेतन का भुगतान तत्काल करें अन्यथा कार्यकर्ता सरकार के विरोध आंदोलन करने को बाध्य होंगे।