देहरादून 18 जुलाई। आज जन हस्तक्षेप के बैनर तले “जनता परेशान, सरकार नाकाम- रोज़गार दो, राहत दो” के नारे के साथ उत्तराखंड राज्य भर में लोगों ने धरना दिया। महामारी को ध्यान में रखते हुए लोग छोटे-छोटे समूहों में अलग-अलग जगहों में बैठे। पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट से लेकर देहरादून के मज़दूर बस्तियों तक आवाज़ उठायी गई। देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल,चमोली और अन्य ज़िलों में लोगों ने धरना दिया गया। राज्य की राजधानी देहरादून के अंदर ही बीस से ज्यादा जगहों में लोगों ने धरना दिया। पेट्रोल, डीज़ल, बिजली, तेल- सबके दाम बढ़ने के बारे में लोगों ने केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि इस संकट काल में दोनों सरकारें अपना राजस्व वसूली में एक भी पैसे कम करने के लिए तैयार नहीं दिख रही हैं। सितम्बर 2019 में दिया गया कॉर्पोरेट कर छूट को वापस लेने के बजाय पेट्रोल और डीज़ल पर करों को बड़ा कर आम लोगों से राजस्व वसूली किया जा रहा है।
धरने मे शामिल होने वालो मे मुख्य रूप से किशोर उपाध्याय पूर्व राज्य अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी, समर भंडारी राज्य सचिव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, डॉ सत्यनारायण सचान राज्य अध्यक्ष समाजवादी पार्टी, इंद्रेश मैखुरी गढ़वाल सचिव भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले), राकेश पंत राज्य संयोजक तृणमूल कांग्रेस, उत्तराखंड लोक वाहिनी, उत्तराखंड महिला मंच, चेतना आंदोलन, जन संवाद समिति, वन अधिकार आंदोलन, उत्तराखंड विमर्श, परिवर्तनकामी छात्र संगठन, हिमालय बचाओ आंदोलन, गंगा बचाओ आंदोलन, उत्तराखंड संयुक्त संघर्ष समिति, जिला चाय बागान मज़दूर सभा, नौजवान भारत सभा, पीपल्स फोरम उत्तराखंड शामिल थे।