देहरादून। उत्तराखंड में आज सावन का पहला सोमवार है और सुबह से ही लगातार बारिश जारी है। लेकिन बारिश के बीच लोगों की आस्था कम नहीं हुई। सावन भगवान शिव का सबसे प्रिय माह होता है। इस बार सावन का पहला सोमवार होने से मंदिरों में जलाभिषेक और पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की लंबी लाइन लग गई। सावन के सोमवार के पावन अवसर पर तिलक रोड स्थित श्री गंगा प्राचीन मंदिन में पं. ईशांत शर्मा व तिलक रोड निवासी शिव भक्त माला गोयल के द्वारा भगवान शिव के लिंग का विशेष श्रृंगार किया गया। बेलपत्र व गुलाब की पंखुडियों से किया गया यह विशेष श्रृंगार आकर्षण का केंद्र रहा। इस अवसर पर भगवान भोले की विशेष पूजा अर्चना भी की गयी। वहीं डॉक्टर आचार्य सुशांत राज द्वारा नव इंद्रेश्वर शिव मंदिर नवग्रह शनि मंदिर में आज भोले जी का पूजन रुद्राभिषेक पंचाक्षरी मंत्र द्वारा किया गया। इस पावन अवसर पर डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया की मैदानी क्षेत्रों में सावन का पहला सोमवार 25 जुलाई को है। भगवान शिव का जल धारा, बिल्व पत्र और दूध-दही से अभिषेक करना चाहिए। सावन माह में की गई शिव उपासना बहुत ही फलदायी होती है और इसका फल बहुत जल्दी मिलता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन भगवान शंकर का महीना माना जाता है। कहा जाता है कि कण-कण में भगवान शिव का वास है। सावन का महीना 16 जुलाई शुक्रवार से शुरू हो गया है। सावन में सोमवार को भगवान शिव की पूजा फलदायी मानी जाती है। इस बार सावन में चार सोमवार आएंगे। छह अगस्त को प्रदोष व्रत रहेगा। वहीं 13 अगस्त नाग पंचमी आएगी। पूरे सावन माह में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है. खासकर कुंवारी कन्या योग्य वर की प्राप्ति हेतु भगवान भोलेनाथ की विधिपूर्वक व्रत रखती हैं.