देहरादून। जब से केंद्र में भाजपा की सरकार आई है तभी से देश व प्रदेश के अंदर महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया है। रसोई गैस, पेट्रोल, डीजल, रिफाइंड ऑयल, सरसों का तेल व अन्य खाद्य पदार्थों पर बेतहाशा मूल्य वृद्धि हुई है। जिसके लिए सीधा-सीधा केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। महंगाई पर इनका कोई अंकुश नहीं है, आए दिन यह हर वस्तु में मूल्य वृद्धि करते रहते हैं। जिसका खामियाजा देश की जनता को उठाना पड़ रहा है। जनता इस कमरतोड़ महंगाई से पिस गई है। जहां एक और कोरोनावायरस ने प्रदेश में हाहाकार मचाया, लोगों को बेरोजगार होना पड़ा, उनके रोजगार छिन गए, खाने के लिए रोटी नहीं मिली, इलाज इतना महंगा हो गया कि इलाज नहीं मिला, वहीं दूसरी ओर इस महंगाई ने कमर तोड़ कर रख दी है। पूर्वर्ती कांग्रेसी सरकारों से अगर हम इस सरकार की तुलना करें, तो स्पष्ट दिखाई देता है कि उस समय डीजल, पेट्रोल, गैस और खाद्य पदार्थों के क्या दाम थे और आज इन के क्या दाम है। अंतर स्पष्ट नजर आता है। क्या कारण है कि यह भाजपा की सरकार गूंगी बहरी बन गई है और महंगाई चरम पर है। जनता त्राहिमाम कर रही है परंतु प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक महंगाई पर सारे लोग चुप बैठे हैं। मुनाफा खोर जमकर मुनाफा काट रहे हैं और गरीब जनता तड़प रही हैं। देश की जनता ने इस नाकारा सरकार को सत्ता सौंपकर बहुत बड़ी गलती करी है जिसका पछतावा हो रहा है। वही प्रधानमंत्री हैं जो कांग्रेस की पूर्व की सरकार को जरा सी महंगाई बढ़ने पर पानी पी पीकर कोसा करते थे, परंतु आज जब इनके राज में महंगाई ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए तो यह आंखें मूंद गए हैं। महंगाई को रोकने के लिए कोई सकारात्मक कदम इन्होंने आज तक नहीं उठाया है। दिन प्रतिदिन महंगाई एक-एक पायदान चढ़ती जा रही है।