देहरादून। नियत मानदेय समेत विभिन्न मांगों को लेकर आशा कार्यकर्त्ता लंबे समय से आंदोलन कर रही हैं। आक्रोशित कार्यकर्त्ताओं ने आज विधानसभा कूच किया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इससे गुस्साईं कार्यकर्त्ता वहीं धरने पर बैठ गईं। उनकी मांग है कि स्वास्थ्य मंत्री से उनकी वार्ता कराई जाए। सीटू से संबद्ध आशा कार्यकर्त्री यूनियन की अध्यक्ष शिवा दुबे का कहना है कि उनकी मांगों को लगातार अनसुना किया जा रहा है। कई बार मंत्री और अधिकारियों से वार्ता हो चुकी है, लेकिन अधिकारी शासनादेश जारी करने को तैयार ही नहीं है। उनका ये भी कहना है कि राज्य सरकार का प्रोत्साहन राशि का झुनझुना नहीं चलने वाला है। सरकार को मासिक मानदेय देना होगा। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्त्ता दो अगस्त से कार्य बहिष्कार पर हैं। वह मासिक मानदेय, पेंशन और सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने समेत बारह सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं, लेकिन सरकार नहीं चेत रही है। राज्य सरकार कार्यकर्त्ताओं को मिलने वाले मासिक प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की बात कर रही है। उनका कहना है कि कि इसे बढ़ाने की बजाए मासिक मानदेय तय किया जाए, क्योंकि प्रोत्साहन राशि सरकार कभी भी बंद कर सकती है। इसलिए मासिक मानदेय से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा की सरकार आशाओं को लंबे समय से छल रही है, लेकिन अब आशाएं अपना शोषण बर्दाश्त नहीं करेंगी। आगे भी संघर्ष को मुकाम तक पहुंचाने के लिए आशाएं एकता और दृढ़ता के साथ डटी रहेंगी।