उत्तराखंड चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के मुख्य संरक्षक व प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, पूर्व राज्य मंत्री व चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय संयोजक मनीष कुमार ने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा चिह्नीकरण की जो समय सीमा 4 माह के लिए बढ़ाई गई है उसका शासनादेश तत्काल जारी करें राज्य सरकार और चिह्नीकरण में जो मानक और नियम पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा लागू किए गए थे जिसमें समाचार पत्रों की कतरनओं को ही मान्य किया गया था और राज्य आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण किया गया था को तत्काल लागू किया जाए, पूर्व में जो राज्य आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण हुआ था वह भी समाचार पत्रों की कतरन के आधार के ऊपर ही हुआ था इसलिए अब कोई नया मानक ना बनाते हुए पूर्व कांग्रेस सरकार द्वारा जो मानक नियम बनाए गए थे उन्हीं को तत्काल राज्य सरकार लागू करें क्योंकि राज्य में एक ही नियम व मानक होने चाहिए और पूर्व में जब राज्य आंदोलनकारियों का चिह्नीकरण इसी आधार पर किया गया है तो अब भी इसी आधार पर किया जाए l इसके शासनादेश में अब विलंब नहीं होना चाहिए क्योंकि सरकार का 4 माह का ही कार्यकाल लगभग बचा है l दूसरा जो लोग चिह्नीकरण की मांग करते-करते स्वर्ग सिधार गए उनके परिवार जनों को चिन्हित कर कर तत्काल सरकार पेंशन दे, जिनमें से कई आंदोलनकारियों के आवेदन पत्र जिला मुख्यालय में भी जमा है l जिनके आवेदन पत्र जमा हैं और जो आवेदन पत्र जमा करेंगे उनके आवेदन पत्रों की जांच कर 10 दिन के अंदर ही उनको राज्य आंदोलनकारी का प्रमाण पत्र भी जारी किया जाए l
हम प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी से अनुरोध करते हैं कि इन बिंदुओं पर तत्काल कार्यवाही करें और 48 घंटे के अंदर शासनादेश जारी किया जाए , ऐसा ना हो जो राज्य आंदोलनकारियों के साथ साडे 4 साल तक में हुआ है l