भारत की जनमानस की भाषा हिंदी हैं। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद के प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि विश्व में अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन के बाद हिंदी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हम सभी जानते हैं कि हिंदी भारत की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। उत्तर भारत के अधिकतर व्यक्ति हिंदी भाषा को अपनी मातृभाषा एवं आचार व्यवहार के रूप में अपनाते हैं। हिंदी दिवस पर भारत के राष्ट्रपति दिल्ली में एक समारोह में लोगों को भाषा के प्रति उनके योगदान के लिए राजभाषा पुरस्कार भी प्रदान करते हैं। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि हिंदी भाषा भारत गणराज्य की 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक है। हिंदी दिवस आधिकारिक भाषा को बढ़ावा देने और प्रचारित करने के लिए समर्पित है।1949 में आज के दिन ही संविधान सभा ने हिंदी को भारत की राजभाषा बनाने का निर्णय लिया था। हिंदी दिवस सर्वप्रथम 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। हिन्दी विश्व में चौथी ऐसी भाषा है जिसे सबसे ज्यादा व्यक्ति बोलते हैं। हिंदी दिवस को मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा की स्थिति और विकास पर होने वाले मंथन को ध्यान में रखना है। भारत की अस्मिता की और अभिव्यक्ति का माध्यम है हिन्दी, प्रत्येक हिन्दुस्तानी की है अप्रतिम प्रतिबिंब है। हिन्दी एकता की अनुपम परम्परा है हिन्दी हर हृदय का उदगार है हिन्दी। इस दिवस पर देश की राष्ट्र भाषा हिंदी के प्रति सभी लोग हिंदी के प्रति सम्मान भाव प्रकट करते हैं और देशभर में विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों तथा सभी सरकारी उपक्रमों में विशेष आयोजन किए जाते हैं। सभी प्रतिष्ठानों से लेकर कार्यालयों तक इस दिन सारे संवाद हिंदी में किए जाने के सार्थक प्रयास किए जाते है और अभिव्यक्ति के सभी माध्यमों और मंचों पर हिंदी की वार्ताएं, संगोष्ठी, कवि सम्मेलन आदि आयोजित किए जाती है। जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा ने हिन्दी दिवस पर सभी को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए बताया कि हिंदी भाषा अब नई प्रौद्योगिकी के रथ पर आरूढ़ होकर वैश्विक भाषा बन चुकी है। हिंदी भाषा में भी आजीविका के अनेकानेक अवसरों की बहुतायत है। चलचित्र उद्योग में गीत लेखन, पटकथा लेखन, संवाद लेखन, अनुवादक से लेकर असीमित अवसर हैं। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने आगे कहा कि
निस्संदेह भारत में हिंदी सबसे व्यापक रूप से बोली और लिखी जाने वाली भाषा है। यद्यपि अंग्रेजी के प्रति अभी भी भारतवासियों का झुकाव है और इसके महत्व पर स्कूलों और अन्य स्थानों पर बल दिया जाता है परन्तु हिंदी हमारे देश की सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा के रूप में सुदृढ़ है। 2001 में आयोजित जनगणना में 422 लाख से अधिक नागरिकों ने अपनी मातृभाषा के रूप में हिंदी का उल्लेख किया। देश में किसी भी अन्य भाषा का कुल जनसंख्या का दस प्रतिशत से अधिक उपयोग नहीं किया जाता है। हिंदी बोलने वाली अधिकांश व्यक्ति उत्तर और मध्य भारत में केंद्रित है। हिंदी दिवस हमारी सांस्कृतिक धरोहर और मूल्यों को फिर से देखने और अपनी समृद्धता का आनंद मनाने का दिन है। हिंदी हमारी मातृभाषा है और हमें इसका आदर और उसका मूल्य समझते हुए हिंदी के प्रचार और प्रसार में समर्पित भाव से यथायोग्य और सार्थक एवं गंभीर प्रयास मनोयोग से करने की आवश्यकता है।
