फरीदाबाद। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद में विश्व शांति दिवस पर प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड ने समावेशी, दीर्घकालिक और स्वस्थ विश्व के लिए सर्वत्र शांति बनाए रखने का संदेश दिया। ब्रिगेड अधिकारी एवं रेडक्रॉस काउन्सलर प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि इंटरनैशनल पीस डे प्रमुख रूप से पृथ्वी पर शांति और अहिंसा स्थापित करने के लिए मनाया जाता है। 1982 से इस दिन की शुरुआत हुई थी। वर्ष 2002 में संयुक्त राष्ट्र ने इसे 21 सितम्बर का मनाने की घोषणा की। इस दिवस पर सफेद कबूतरों को नीले आसमान में उड़ाकर शांति का संदेश दिया जाता है। रविंद्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि इस वर्ष विश्व शांति दिवस का थीम – शांति, सौहार्द एवं पारस्परिक प्रेम मनुष्य के जीवन की प्रमुख कुंजियां हैं। विश्व शांति दिवस पर सभी को अनंत शुभकामनाएं और बधाई। इस अवसर हम-सब मिलकर अपने अहंकार का त्याग कर मानवता एवं प्रेम की अवधारणा को अपनाकर विश्व में शांति और सद्भाव बढ़ाने का प्रसार करें। ब्रिगेड अधिकारी एवम् प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि इस थीम का उद्देश्य ब्रह्मांड के लोगों को यह बताना रहा कि शांति बनाए रखने के लिए और जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करना अत्यधिक जरूरी है। जलवायु में आए दिन हो रहे परिवर्तन विश्व की शांति और सुरक्षा के दृष्टिकोण से अत्यधिक हानिकारक है। यह बहुत निराशाजनक है कि आज मानव दिन-प्रतिदिन इस शांति से दूर होता जा रहा है। आज चारों तरफ़ फैली भौतिकवादिता ने शांति को व्यक्ति से और भी दूर कर दिया है। पृथ्वी, आकाश व सागर सभी अशांत हैं। स्वार्थ और घृणा ने मानव समाज को विखंडित कर दिया है। सामान्य रूप से विश्व शांति का संदेश प्रत्येक युग में दिया गया है, परन्तु इसको प्रचलन में लाने वालों की संख्या बहुत कम रही है। ब्रिगेड तथा जूनियर रेडक्रॉस प्रभारी रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि इंटरनेशनल पीस डे अर्थात विश्व शांति दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय जो न्यूयॉर्क में स्थित है, में संयुक्त राष्ट्र शांति की घंटी बजाकर की जाती है। इस घंटी के एक तरफ लिखा हुआ है कि विश्व में शांति सदैव बनी रहे। यह घंटी अफ्रीका को छोड़कर सभी महाद्वीपों के बच्चों के दान किए गए सिक्कों से बनाई गई है। इस में विशेष यह है कि इसे जापान के यूनाइटेड नेशनल एसोसिएशन ने उपहार में दिया था।भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने विश्व में शांति बनाए रखने के लिए 5 मूल मंत्र दिए थे। ये पंचशील के सिद्धांत के रूप में भी जाने जाते हैं। इनके अनुसार विश्व में शांति की स्थापना के लिए एक-दूसरे की प्रादेशिक अखंडता बनाए रखने और सम्मान किए जाने की बात कही गई थी। आज प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचन्दा और संयोजिका प्राध्यापिका जसनीत कौर ने शांति दूत के रूप में शांति का संदेश देने के लिए छात्रा ताबिदा, सृष्टि, सिया, हर्षिका, निशा और चंचल का अभिनन्दन करते हुए उन्हें शांति दूत के रूप में सम्मानित किया। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा और गणित प्राध्यापिका डॉक्टर जसनीत कौर ने कहा कि आज विश्व अलझाइमर दिवस भी है यह स्मरण शक्ति कम होने एवम् भूलने से संबंधित है विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस सदस्य बालिकाओं ने तनाव रहित हो कर कार्य संपादित करने एवम् प्रतिदिन का कार्य प्रतिदिन संपन्न करने का संदेश दिया और कहा कि ऐसा कर के हम भूलने की आदत अर्थात अलझाइमर से बचे रह सकते हैं क्योंकि जब कार्य का दबाव अधिक बढ़ जाता है तो भूलने की संभावना अधिक हो जाती है।