राशन विक्रेताओं का उत्पीड़न कर रही है राज्य सरकार : मनीष

उत्तराखंड गढ़वाल समाचार

देहरादून। पूर्व राज्य मंत्री व अखिल भारतीय पंचायत परिषद के प्रदेश संयोजक मनीष कुमार ने भाजपा की राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राशन विक्रेताओं की हड़ताल को एक सप्ताह से अधिक का समय हो गया है परंतु राज्य सरकार उनकी जायज मांगों को भी पूरा नहीं कर रही है। राशन विक्रेताओं को प्रधानमंत्री खाद्यान्न वितरण पे कमीशन का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। जो लाभांश सरकार ने विक्रेताओं को देने की घोषणा करी थी, वह आज तक नहीं मिला है। खाद्यान्न ऑनलाइन वितरण करने के लिए जो मोबाइल डाटा विक्रेताओं को दिया जाना चाहिए वह आज तक नहीं मिला और ना ही उसका कोई भुगतान हुआ है। दिल्ली राज्य के मुकाबले यहां पर विक्रेताओं को कमीशन भी कम दिया जा रहा है जबकि राजधानी दिल्ली में यह लगभग दुगना है। पूरे कोरोना काल में राशन विक्रेताओं ने राशन का वितरण किया। परंतु राज्य सरकार इनकी सुध नहीं ले रही है बल्कि इनका उत्पीड़न करने में लगी हुई है यह हड़ताल पूरे राज्य में चल रही है। इस हड़ताल के चलते गरीब जनता को राशन नहीं मिल पा रहा है। अभी कुछ माह पूर्व ही राज्य सरकार ने 10-10 किलो गेहूं चावल एपीएल कार्ड धारकों को देने की घोषणा करी थी, जो योजना 3 माह में ही दम तोड़ गई। राज्य की जनता को गुमराह करने और वाहवाही लूटने के लिए भाजपा सरकार ने कार्य किया। आज एपीएल कार्ड धारकों को केवल ढाई किलो चावल और 5 किलो गेहूं दिया जा रहा है। इसी प्रकार से जिन्होंने चीनी का वितरण भी केवल 3 माह के लिए किया और उसको भी बंद कर दिया। भाजपा की सरकार यह बताएं की क्या केवल ढाई और 5 किलो गेहूं में एक परिवार अपना गुजारा कर सकता है। इसका जवाब राज्य सरकार को देना चाहिए। राज्य सरकार के खाद्यान्न वितरण को लेकर किए जा रहे दावे हवा हवाई साबित हुए हैं। जनता को केवल झूठी घोषणाओं और जुमलो के सहारे यह लोग गुमराह करके पुनः विश्वास मत हासिल करना चाहते हैं परंतु इनकी सच्चाई जनता के सामने आ चुकी है और आने वाले समय में जनता इनको सत्ता विहीन करके दम लेगी। कांग्रेस पार्टी राशन विक्रेताओं की हड़ताल को तत्काल समाप्त करवाने और गरीब जनता को पूर्व घोषित खाद्यान्न उपलब्ध कराने की मांग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से करती है।

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