देहरादून। रायपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ द्वारा आखिरी मौके पर कांग्रेस में वापसी का इरादा त्यागने से भाजपा ने फिलवक्त राहत की सांस ली है, लेकिन पार्टी के सामने संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से काऊ को मंत्री पद का भरोसा दिलाया गया है। उधर दिल्ली से लौटे विधायक काऊ ने कहा कि उनके कांग्रेस में जाने की चर्चा पूरी तरह निराधार है। उन्होंने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय जाने की बात से भी इन्कार किया। विधायक काऊ ने मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की। बीते रोज कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके पुत्र विधायक संजीव आर्य दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हुए थे। तब विधायक काऊ भी उनके साथ कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे थे, लेकिन ऐन वक्त पर आए एक फोन के बाद वह चुपचाप वहां से निकल गए। चर्चा रही कि यह फोन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का था, जो सोमवार को दिल्ली में ही मौजूद थे। इसके बाद विधायक काऊ की ओर से इंटरनेट मीडिया पर उत्तराखंड से राज्यसभा सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख के साथ मुलाकात का फोटो अपलोड कर यह बताने का प्रयास किया गया कि वह कहीं नहीं जा रहे हैं। चर्चा है कि कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के कांग्रेस में शामिल होने के बाद विधायक काऊ को प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल करने का भरोसा दिया गया है। इसके बाद ही ऐन वक्त पर विधायक ने कांग्रेस में वापसी का इरादा त्याग दिया। काऊ उन विधायकों में शामिल हैं, जो वर्ष 2016 के सियासी घटनाक्रम के बाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।फिलवक्त भाजपा नेतृत्व अपने एक विधायक के विपक्ष के खेमे में जाने से रोकने में कामयाब रही। इससे फिलहाल यह संकट टल गया है, लेकिन यह अभी समाप्त नहीं हुआ है। आगे भी अंदरखाने विधायकों को मनाकर संकट टालने के प्रयास होंगे, कांग्रेसी पृष्ठभूमि के विधायक भाजपा नेतृत्व से फिर से कमिटमेंट चाहते हैं। यदि वे दूसरे दल में जाते हैं वे वहां भी भविष्य के लिए कमिटमेंट चाहते हैं।
