देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ प्रवक्ता धीरेंद्र प्रताप ने गृह मंत्री अमित शाह के आज देहरादून पहुंचने पर भाजपा की वरिष्ठ नेता व मंत्री श्रीमती रेखा आर्य का नाम पार्टी नेताओं द्वारा जारी स्वागत सूची में शामिल न किए जाने और हवाई अड्डे से श्रीमती रेखा आर्य का अपमानित होकर नाराज होकर वापस लौटने को “मातृशक्ति और गरीब पृष्ठभूमि कि नेता का अपमान “”बताया। है।
धीरेंद्र प्रताप ने कहा है कि पार्टियों का चरित्र ऐसे मौके पर ही दिखता है जब कि किन्हीं विशेष अवसरों पर राजनीतिक दलों या सामाजिक संगठनों में जातिभेद, लिंगभेद रंगभेद जैसे गंदे चरित्र उभर कर सामने आते हैं।
उन्होंने पूर्व मंत्री श्री यशपाल आर्य और उनके सुपुत्र संजीव आर्य के कांग्रेस पार्टी में घर वापसी को इस मामले से जोड़ते हुए कहा कि भाजपा की गरीब तबकों की अपमान की पहले से नीति रही है और भाजपा सदैव पूंजी पतियों की जमात रही है ।यही कारण है कि उसे ना तो देश के दलित की चिंता है ना किसान की चिंता है और ना ही पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की चिंता है ।जबकि होना यह चाहिए था कि जो तबके कमजोर हैं ,पिछड़े हैं, कांग्रेस ने जो उनके लिए विशेष संरक्षण और आरक्षण की व्यवस्था संविधान में की है, उसे हर राजनीतिक दल द्वारा अपने दलों में लागू किया जाना चाहिए और इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति ना हो ,सभी राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं को इसे सुनिश्चित करना चाहिए ।
उन्होंने रेखा आर्य के भाजपा नेताओं द्वारा किए गए अपमान पर गहरा दुख और क्षोभ व्यक्त किया है । और मातृशक्ति के इस अपमान के लिए राज्य के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक से उनके इस गैर जिम्मेदाराना करते के लिए सार्वजनिक माफी मांगने को कहा है।
धीरेंद्र प्रताप ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत द्वारा घसियारी योजना को भी उत्तराखंडी मातृशक्ति के अपमान बताया जाना का पूरा समर्थन किया है और कहा है कि उत्तराखंड की महिलाओं ने बछेंद्री पाल से लेकर तीलू रौतेली तक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में अपना विशिष्ट स्थान बनाया है और ऐसी स्थिति में उन्हें मात्र घसियारी बताकर उनकी गरिमा का अपमान किया जाना निश्चय ही दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है।