रुड़की: आईआईटी रुड़की को हाल ही में ब्रिटिश काउंसिल के सहयोग से विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के वाइज-किरन डिवीजन द्वारा शुरू किए गए जेंडर एडवांसमेंट इन ट्रांसफॉर्मिंग इंस्टीट्यूशंस [गति (जीएटीआई)] कार्यक्रम के तहत 30 पायलट संस्थानों में से एक के रूप में चुना गया है।कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन के लिए, आईआईटी रुड़की से गति की नोडल अधिकारी – प्रो. प्रणिता सारंगी – ने डीएसटी और यूके के सहयोगी संस्थानों (किंग्स कॉलेज लंदन, यूके) से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आईआईटी रुड़की में एक अभिविन्यास संगोष्ठी (ओरिएंटेशन सेमिनार) – जिसमें आईआईटी रुड़की के विभिन्न निर्णय लेने वाले निकायों (जैसे, डीन कार्यालयों) के प्रतिनिधियों सहित 90 से अधिक प्रतिभागियों (संकायों और छात्रों) ने भाग लिया – का आयोजन करके कार्यक्रम के कार्यान्वयन की शुरुआत की।टीम को संबोधित करते हुए, प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी, निदेशक, आईआईटी रुड़की ने जोर देते हुए कहा, “गति का उद्देश्य संस्थानों में लैंगिक उन्नयन (जेंडर एडवांसमेंट) के सकारात्मक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करके उनमे सकारात्मक परिवर्तन लाना है। इसका एक उद्देश्य उच्च शिक्षा के संस्थानों में सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं के साथ हमारी प्रथाओं और प्रक्रियाओं को संरेखित करना भी है। मुझे खुशी है कि आईआईटी रुड़की इस अवसर को एक स्थायी प्रभाव के उद्देश्य की भावना के साथ आगे बढ़ा रहा है। सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी हमें विश्वास दिलाती है कि हम इस प्रयास में सफल होंगे।”प्रायोजित अनुसंधान और परामर्श के डीन और आईआईटी रुड़की के लिए गति स्व-मूल्यांकन टीम [(सेल्फ-असेसमेंट टीम) जीसैट] के अध्यक्ष प्रोफेसर मनीष श्रीखंडे ने लिंग समावेशन (जेंडर इन्क्लूसिवेनेस्स) की सर्वोत्तम प्रथाओं के निर्माण के अवसर के रूप में गति के महत्व पर प्रकाश डाला। दो दिवसीय संगोष्ठी के दौरान, प्रो. उषा लेंका, प्रमुख, प्रबंधन अध्ययन विभाग ने गति पायलट कार्यक्रम का परिचय दिया और प्रो. प्रणिता सारंगी, बायोसाइंसेज और बायोइंजीनियरिंग विभाग ने गति स्व-मूल्यांकन का विस्तृत विवरण और उद्देश्यों और मान्यता प्रक्रिया को प्रस्तुत किया ।प्रस्तुतियों के बाद विभिन्न विभागों और केंद्रों के संकायों और विभिन्न जीसैट टीम के सदस्यों (कोर और सैटेलाइट) के बीच व्यापक चर्चा हुई।
