देहरादून। नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन को इंडियन कंक्रीट इंस्टीट्यूट (आईसीआई), शिमला द्वारा मुखिया जिनके मार्गदर्शन में सर्वश्रेष्ठ बुनियादी ढांचा परियोजना का निर्माण किया गया था, के लिए सम्मानित किया गया है। यह अवार्ड शनान, शिमला में एसजेवीएन “शक्ति सदन” के स्टेट ऑफ-द-आर्ट कारपोरेट मुख्यालय भवन के निर्माण में उनके अपार योगदान के लिए प्रदान किया गया, जबकि शक्ति सदन ने वर्ष 2021 के लिए बेस्ट बिल्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट अवार्ड भी हासिल किया ।
एस.पी. बंसल निदेशक (सिविल), एसजेवीएन को वर्ष 2021 के लिए उत्कृष्ट कंक्रीट टेक्नॉलाजिस्ट अवार्ड से नवाजा गया है। सुशील कुमार शर्मा, निदेशक (विद्युत), एसजेवीएन को व्यक्तिगत योगदान में उत्कृष्टता के लिए आईसीएल अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह अवार्ड हिमाचल प्रदेश एवं जम्मू एवं कश्मीर के लिए इंडियन कंक्रीटी इंस्टीट्यूट शिमला सेंटर के अध्यक्ष आर्किटेक्ट वी. पी. एस. जसवाल, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर क्षेत्र के लिए अल्ट्राटेक सीमेंट के क्षेत्रीय प्रमुख, वैभव गुप्ता, साई इंजीनियरिंग एंड फाउंडेशन के सीईओ, राज कुमार वर्मा तथा अन्य जूरी सदस्यों ने प्रदान किए।
व्यक्तिगत योगदान में उत्कृष्टता के लिए एसजेवीएन के 412 मेगावाट रामपुर जलविद्युत स्टेशन के मुख्य महाप्रबंधक/ परियोजना प्रमुख,मनोज कुमार तथा मुख्य महाप्रबंधक, एसजेवीएन, राजीव कुमार अग्रवाल को आईसीएल अवार्ड भी प्रदान किए गए। इसके अतिरिक्त रोशन नेगी, मुख्य महाप्रबंधक तथा परियोजना प्रमुख, लूहरी एचईपी एवं जंगी थोपन पोवारी एचईपी ने उत्कृष्ट युवा कंक्रीट टेक्नॉलाजिस्ट का अवार्ड प्राप्त किया।
शक्ति सदन के निर्माण में उनके योगदान के लिए, एसजेवीएन की इन-हाउस आर्किटेक्चरल टीम के सदस्य अजय शर्मा, प्रबंधक, सुश्री ट्विंकल वर्मा, सहायक प्रबंधक तथा बलबीर सिंह, कनि.अधिकारी को भी दिनेश सप्रू मुख्य महाप्रबंधक (सेवानिवृत्त) एवं. राजेश चंदेल, वरि.अपर महाप्रबंधक इंजीनियरिंग टीम के साथ भी सम्मानित किया गया।
एसजेवीएन की वर्तमान स्थापित क्षमता 2016.51 मेगावाट है तथा इसमें 11000 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है एवं वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, वर्ष 2030 तक 12000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य है। एसजेवीएन की बिजली उत्पादन के विभिन्न क्षेत्रों में उपस्थिति दर्ज है जिसमें जलविद्युत, पवन, सौर तथा ताप विद्युत शामिल है। कंपनी की मौजूदगी ऊर्जा पारेषण के क्षेत्र में भी है।
इंडियन कंक्रीट इंस्टीट्यूट (आईसीआई) भारत में अग्रणी व्यावसायिक निकायों में से एक है, जो कंक्रीट में संबंधित गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों और संगठनों की व्यावसायिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। एक गैर-लाभकारी संगठन होने के नाते, यह कंक्रीट पर ज्ञान के प्रसार, कंक्रीट टेक्नॉलाजी तथा निर्माण को बढ़ावा देने एवं कंक्रीट की अनुसंधान आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए समर्पित है।