देहरादून। विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरे दिन रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया। इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था का मामला उठाया। पीठ ने इस विषय को नियम 58 की ग्राह्यता पर सुनने की व्यवस्था दी। इसके बाद प्रश्नकाल शुरू हुआ। इस दौरान विधायक काजी निजामुद्दीन के रोजगार से संबंधित प्रश्न पर श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बेरोजगारी के मसले पर सरकार को घेरते हुए कहा कि सदन में रोजगार से संबंधित जो आंकड़े पेश किए गए हैं, वह गुमराह करने वाले हैं। इसपर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। वहीं, सदन में आठ विधेयक पेश हुए।
उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। सत्र के दौरान प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 1353 करोड़ 79 लाख आठ हजार रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। वित्त मंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अनुपूरक बजट पेश करना था। लेकिन उनके सीडीएस जनरल बिपिन रावत की अंतिम यात्रा में शामिल होने की व्यस्तता के चलते शुक्रवार को संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने सदन पटल पर अनुदान मांगें रखी। शनिवार को अनुपूरक बजट पास होगा। अनुपूरक मांगों के तहत राजस्व लेखा में 1168 करोड़ 90 लाख 82 हजार रुपये और पूंजी लेखा में 184 करोड़ 88 लाख 26 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। कुल 11 अनुदान मांगों में सबसे अधिक 668 करोड़ 36 लाख रुपये का प्रावधान राजस्व एवं सामान्य प्रशासन की मद में किया गया है। इससे एसडीआरएफ, आपदा राहत निधि के खर्च की प्रतिपूर्ति होगी।
210 करोड़ 28 लाख की व्यवस्था वित्त, कर, नियोजन, सचिवालय व अन्य सेवाओं के लिए की गई है। यह धनराशि राज्य विकास ऋणों को अंतरितर करने, रेजीडेंट कमीश्नर नई दिल्ली अधिष्ठान और पर्यावरण निदेशालय के लिए व्यय होगी। ग्राम्य विकास विभाग के लिए 104.67 करोड़ की व्यवस्था की गई है, जिसके तहत पीएमजीएसवाई की सड़कों की मरम्मत और विधायक निधि के लिए धनराशि की प्रतिपूर्ति होगी। सूचना के लिए 104 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
लोक निर्माण विभाग के लिए 150 करोड़ की व्यवस्था की गई है। इससे प्रदेश के मार्गों व पुलियों की मरम्मत, व राज्य सेक्टर की चालू निर्माण योजनाओं के काम होंगे। परिवहन के लिए 13 करोड़ 88 लाख 26 हजार रुपये का प्रावधान है, जिससे उत्तराखंड परिवहन के ऋण की प्रतिपूर्ति होगी।
पांच विभागों में पूंजीगत व्यय प्रावधान
ग्राम्य विकास में 54.67 करोड़, लोनिवि में 100 करोड़, परिवहन में 13 करोड़ 88 लाख 26 हजार, अनुसूचित जतियों का कल्याण में 13.49 र्को, और अनुसूचि जनजाति कल्याण के लिए 2.84 करोड़ का प्रावधान पूंजीगत मद में किया गया है।
किस मद कितनी धनराशि
विभाग – बजट राशि(हजार में)
न्याय प्रशासन – 17165
राजस्व एवं सामान्य प्रशासन- 6683600
वित्त, कर, नियोजन सचिवालय व अन्य सेवाएं -2102800
शिक्षा, खेल व युवा कल्याण व संस्कृति -2500
सूचना – 1040000
कल्याण योजनाएं – 838000
ग्राम्य विकास – 1046700
लोक निर्माण – 1500000
परिवहन – 138826
अनुसूचित जाति कल्याण – 138587
अनुसूचित जनजातियों का कल्याण – 29730
योग – 13537908
अनुपूरक बजट के मुख्य प्रावधान
-668.36 करोड़ का प्रावधान आपदा राहत निधि के तहत एसडीआएफ के लिए
-10 करोड़ का पर्यावरण निदेशालय के अंतर विभागीय व्यय एवं सब्सिडी
-80 करोड़ नंदा गौरा योजना के लिए
-50 करोड़ प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों की मरम्मत के लिए
-100 करोड़ लोनिवि की राज्य सेक्टर की चालू सड़कों के निर्माण के लिए