देहरादून। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सैन्यधाम में शहीद परिजनों का सम्मान किया। वह देहरादून के सैन्यधाम पहुंचे और शहीदों के आंगन की मिट्टी पर पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में देहरादून के 204 शहीद परिजनों को सम्मानित किया गया। इस दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज से चार साल पहले कहा था कि उत्तराखंड में चार धाम हैं। एक पांचवा धाम सैन्य धाम होना चाहिए। यह जो काम शुरू हुआ है, जल्दी से जल्दी पूरा होना चाहिए। उत्तराखंड वीरों की धरती है। यह शौर्य पराक्रम की भूमि है। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि उत्तराखंड की धरती और पानी मे जरूर कोई बात है कि अगर इस राज्य को अलग किया जाए तो कोई समस्या नहीं होगी।
उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में बनने वाले सैन्यधाम का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शिलान्यास किया। यहां उन्होंने शहीदों की मिट्टी पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड वीरो की और सौर्य साहस पराक्रम की भूमि है। उन्होंने कहा कि जो भी सैन्यधाम आएगा, यहां से प्रेरणा लेकर जाएगा। इस दौरान उन्होंने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को भी याद किया। बता दें कि यहीं शहीद सम्मान यात्रा का भी समापन होगा। कार्यक्रम में 204 शहीदों के स्वजन व वीर नारियों को सम्मानित किया जाएगा। सैन्यधाम के मुख्य द्वार का नाम सीडीएस स्व. जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखने का निर्णय लिया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री की उपब्लिधों को गिनाया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ की। राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देशों को भी दो टूक चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि 1734 शहीद परिवारों के आंगन की मिट्टी लेकर उत्तराखंड में सैन्य धाम बनेगा। शहीद वही हो सकता है, जिसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि होता है। छोटे मन के लोग यहां काम नहीं कर सकते। जब भारत में ब्रिटिश साम्राज्य था तो 14 और 18 साल के युवाओं ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। वह राष्ट्र भावना थी। चंद्रशेखर आजाद ने 26 साल में, अशफाक उल्ला खान ने 23 साल की उम्र में बलिदान दिया था। जब अशफाक से पूछा गया कि अंतिम इच्छा क्या है तो उन्होंने कहा कि मेरी मां को यह संदेश भिजवा देना कि आज उसका बेटा फांसी के तख्ते पर खड़ा होकर शादी कर रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि इस सैन्यधाम में इतने शहीदों के आंगन की मिट्टी लाना कोई आसान काम नहीं है। जब मैं मिट्टी को यहां पुष्प अर्पित कर रहा था तो मैंने उसे अपने माथे पर लगाया। उत्तराखंड की महान परंपरा के वाहक जनरल बिपिन रावत के जाने से हमारे देश की बहुत बड़ी क्षति हुई है। यह बेहद दुखद है। अपनी बड़ी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए वह प्रयत्न कर रहे थे। वह सबके दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे। कहा कि पीएम मोदी ने बाबा विश्वनाथ को गौरवमयी स्वरूप प्रदान किया है। भारत अपनी संस्कृति से जुड़ा रहे, यह हमारा ध्येय है। कहा कि यह सैन्य धाम केवल एक भवन या स्मारक तक सीमित न हो, बल्कि सभी शहीदों के नाम यहां दीवारों पर अंकित किए जाए। यहां ऑनलाइन भी श्रद्धांजलि की सुविधा होनी चाहिए। ताकि देश के दूसरे कोने में बैठा भारतीय भी श्रद्धांजलि अर्पित कर सके। 40 साल से वन रैंक-वन पेंशन की मांग की जा रही थी, लेकिन मोदीजी ने पीएम बनते ही इसे लागू कर दिया। अब शार्ट सर्विस कमीशन से सेवानिवृत्त अधिकारी भी अपनी रैंक का इस्तेमाल कर सकते हैं। दिसंबर के अंत तक या जनवरी के शुरू तक पूर्व सैनिकों के लिए कुछ और घोषणाएं की जाएंगी। पूर्व सैनिकों की पेंशन के मामले अब लटके नहीं रहेंगे।
रक्षामंत्री ने अपने संबोधन में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि पड़ोसी देश कुछ न कुछ नापाक हरकतें करता रहता है। हम दुश्मन को इस पार ही नहीं उस पार भी जाकर मार सकते हैं। पहले अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता था, अब लिया जाता है। कहा कि पीएम ने गतिशक्ति मास्टर प्लान का उद्घाटन किया है, जिसकी लागत 100 लाख करोड़ है। इससे देश मे इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो सकेगा। पिछले पांच साल में उत्तराखंड में विकास हुआ है, इसे कोई नकार नहीं सकता। आज सबसे बड़ी चुनौती कनेक्टिविटी की समस्या थी। रेल, रोड और हवाई कनेक्टिविटी की दिशा में काम हुआ है। ऑल वेदर रोड पर जो रुकावट थी, अब दूर हो गई है। ऑल वेदर रोड गढ़वाल और कुमाऊं को और करीब लाएगी। पर्यटन की दृष्टि से, आध्यात्मिक दृष्टि से कनेक्टिविटी मजबूत हुई है। मैं उत्तराखंड सरकार को बधाई देता हूं। पहले त्रिवेंद्र रावत और अब पुष्कर सिंह धामी ने सराहनीय काम किया है। ऑल वेदर रोड का सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है। कहा कि सीमा पर रहने वाले नागरिक स्ट्रेटेजिक असेट्स हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि नेपाल से हमारे रोटी बेटी के रिश्ते हैं। सांस्कृतिक रिश्ते हैं। कुछ ताकतें ऐसी हैं जो इस रिश्ते को खराब करना चाहती है। भले ही हमें शीश झुकाना पड़े, लेकिन अपने पड़ोसी नेपाल से रिश्ते को टूटने नहीं दिया जाएगा।तिब्बत से भी हमारे रिश्ते बेहतर रहे हैं। 16 दिसंबर 1971 को हमारे सैनिकों के पराक्रम की वजह से पड़ोसी मुल्क के सैनिकों ने सरेंडर किया था। भारत अब मजबूत भारत बन रहा है। अगर हमारे देश की तरफ कोई आंख उठाने की कोशिश करेगा तो हम मुंह तोड़ जवाब देंगे। पीएम मोदी ने रक्षा मामले में भी भारत को आत्मनिर्भर बनाने का काम किया। आज हम दुनिया के 72 देशों को सैन्य सामान निर्यात कर रहे हैं। पहले हम 65 से 70 फीसदी सैन्य सामान दूसरे देशों से मांगते थे, लेकिन अब यहीं बनाते हैं।हम देहरादून से नाइट विजन डिवाइस अगले साल तक दुनिया को निर्यात करना शुरू करेंगे। रक्षा मंत्री ने कहा कि जब पिछली बार मैं आया था तो मैंने कहा था कि धामी धाकड़ बल्लेबाज हैं। अब मैं यह कह सकता हूं कि धामी धाकड़ बल्लेबाज होने के साथ ही तेज गेंदबाज भी हैं। 2024 में उत्तराखंड की स्थापना के 25 साल पूरे होंगे। तब ऐसे हालात होने चाहिए कि विकास का जश्न भी हम मना सकें। राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु में हुए आमी हेलीकॉप्टर हादसे में घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया। कहा कि वह भी अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि केंद्र सरकार ने सैनिकों का मनोबाल बढ़ाने का काम किया है। सेना के सशक्तिकरण की रक्षामंत्री की जो दूरदृष्टि है, उसका आगे भी अनुसरण किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को याद किया। कहा, उत्तराखंड से उन्हें गहरा लगाव था। उनके राज्य को लेकर कई सपने थे, जो अब राज्य सरकार पूरा करेगी। यह स्थान युवाओं को देशसेवा के लिए प्रेरित करेगा। कई पीढियां यहां शहीदों की वीर गाथा से रूबरू होती रहेगी। सीएम धामी ने कहा कि सैनिकों का सम्मान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सैन्य धाम को पूर्ण मनोयोग से बनाया जाएगा। सैनिकों का सम्मान ही हमारा सम्मान है। मोदी सरकार ने सेना को छूट दी है। आज गोली का जवाब गोली से दिया जाता है। सेना को सशक्त बनाया जा रहा है। हम शहीदों का कर्ज कभी नहीं चुका सकते। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि देश शहीदों का ऋणी है। सैन्य धाम एक ऐतिहासिक पहल है। देश-दुनिया के लोग इसे देखने आएंगे। आज प्रधानमंत्री की अगुआई में देश एक मजबूत शक्ति बनकर उभरा है। जमीन पर, नभ और जल में दुश्मन भारत की तरफ आंख उठाकर नहीं देख सकता। हम रक्षा उत्पाद में आत्मनिर्भर बन रहे हैं। सेना के साजोसामान निर्यात करने वाले टाप-25 में आ गए हैं। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा, देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना से सैन्य धाम का निर्माण किया जा रहा है। देश में हर पांचवां सैनिक उत्तराखंड से है। सेना में 17.5 प्रतिशत मैनपावर यहीं से है। सैनिकों के हित को लेकर केंद्र और राज्य सरकारें लगातार काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सैन्य धाम में आम जनमानस का सहयोग मिल रहा है। सैन्यधाम ऐसा बनेगा कि लोग चारधाम की यात्रा को आएंगे तो इस पांचवें धाम के भी दर्शन करेंगे।