फरीदाबाद। एन आई टी तीन फरीदाबाद की राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस, गाइड्स और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड ने प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा की अध्यक्षता में आजाद हिन्द फौज के संस्थापक सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। विद्यालय की जूनियर रेडक्रॉस और सैंट जॉन एंबुलेंस ब्रिगेड प्रभारी प्राचार्य रविंद्र कुमार मनचंदा ने कहा कि आज भारतवासी संपूर्ण विश्व में स्वतंत्रता के महानायक सुभाष चन्द्र बोस को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन के राष्ट्र के प्रति समर्पण के कृतज्ञ हैं। सुभाष चंद्र बोस ने देश को स्वतंत्रता प्राप्त करवाने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया। सुभाष चन्द्र बोस जैसा अद्वितीय राष्ट्रभक्त देश के लिए पुनः मिलना सरल नहीं हैं। उन्होंने अपने देशप्रेम से करोड़ो भारतीयों को स्वतंत्रता प्राप्त करने के स्वतंत्रता के आंदोलन में जोड़ा।प्राचार्य मनचंदा ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा में कटक में हुआ था। नेताजी ने देश की आजादी के लिए आजाद हिंद फौज का गठन करते हुए कहा कि तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा। सुभाष चंद्र बोस आज भी लोगों के दिलों में बसते हैं। वे 24 वर्ष की आयु में इंडियन नेशनल कांग्रेस से जुड़ गए थे। राजनीति में कुछ वर्ष सक्रिय रहने के बाद उन्होंने महात्मा गांधी से भिन्न आजाद हिंद फौज का गठन किया। सुभाष चंद्र बोस के क्रांतिकारी विचारों से प्रभावित होकर अनगिनत युवा आजाद हिंद फौज में सम्मिलित हुए और देश की आजादी में अपना योगदान दिया। नेता जी के विचार कि एक सैनिक के रूप में आपको हमेशा तीन आदर्शों को संजोना और उन पर जीना होगा : सच्चाई, कर्तव्य और बलिदान। जो सिपाही हमेशा अपने देश के प्रति वफादार रहता है, जो हमेशा अपना जीवन बलिदान करने को तैयार रहता है, वो अजेय है। यदि तुम भी अजेय बनना चाहते हो तो इन तीन आदर्शों को अपने ह्रदय में समाहित कर लो, आज भी लाखों लोगों को प्रेरित करते हैं। प्राचार्य मनचंदा, प्राध्यापिका डॉक्टर जसनीत कौर, प्राध्यापिका आशा वर्मा, मौलिक मुख्याध्यापिका पूनम, संजय मिश्रा, शिवम वाधवा, मंजू और अध्यापिका इन्दु ने स्वतंत्रता संग्राम के अद्वितीय महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि देश सदैव अपने महानायक का ऋणी रहेगा और हमारी आने वाली संतति महानायक नेताजी सुभाष चन्द्र बोस से सीख लेती रहेंगी।