देहरादून। उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा का चुनाव रोचक हो गया है। भाजपा से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तो कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनावी महासमर की कमान संभाले हुए हैं। चुनाव में मुख्यमंत्री पद के इन दोनों ही दावेदारों की हाट सीटों पर प्रदेश की टकटकी लगी है। धामी ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट और रावत नैनीताल जिले की लालकुआं सीट से खम ठोक रहे हैं। दोनों चेहरों पर अपनी-अपनी सीट के साथ ही आसपास की सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों को जीत दिलाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है। इस पर कौन कितना खरा उतर पाता है, 14 फरवरी को मतदाता यह फैसला करेंगे। भाजपा ने युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को विधानसभा चुनाव की कमान सौंपकर बड़ा दांव खेला है। महज सात महीने पहले मुख्यमंत्री पद का अहम दायित्व संभालने वाले धामी ने अपने सामने मौजूद चुनौतियों का बेहद संजीदा होकर निर्वहन किया है। छोटे कार्यकाल में सधे तरीके से आगे बढ़ते रहे धामी के हौसले और कामकाज की तारीफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर अन्य केंद्रीय नेता कर चुके हैं। हालांकि धामी को निर्णायक परीक्षा अब देनी है। इस परीक्षा में मिलने वाली सफलता ही तय करेगी कि प्रदेश में अगले पांच साल भाजपा का भविष्य कैसा रहने वाला है। धामी को यह पहचान स्थापित करनी होगी कि वह भविष्य में पूरे प्रदेश में पार्टी का चेहरा बनने की क्षमता रखते हैं। यह सबकुछ इस बात से भी तय होगा कि धामी ऊधमसिंह नगर जिले की अपनी सीट खटीमा के साथ ही अन्य नजदीकी सीटों पर भी कैसा प्रभाव छोड़ते हैं। खटीमा के आसपास की नानकमत्ता, किच्छा, सितारगंज व अन्य सीटों पर भी धामी की मौजूदगी से पड़ने वाले असर का आकलन स्वाभाविक रूप से होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में ऊधमङ्क्षसह नगर जिले की नौ में से आठ सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस बार नैनीताल जिले की लालकुआं सीट से चुनाव मैदान में हैं। हरीश रावत ने पहले जिले की ही रामनगर सीट से दावेदारी की थी। पार्टी ने उन्हें टिकट भी दिया, लेकिन अंदरखाने मिल रही चुनौती को देखते हुए उन्होंने रामनगर से चुनाव लडऩे से पीछे हटना ही सही समझा। कुमाऊं की राजनीति में गहरी पैठ रखने वाले हरीश रावत के लिए लालकुआं सीट को कई तरह से सुविधाजनक माना जा रहा है। रावत की इस सीट से दावेदारी तय होते ही कांग्रेस ने अपनी स्थिति को मजबूत मानना शुरू कर दिया है। कांग्रेस प्रदेश में हरीश रावत के हाथों में चुनाव अभियान की बागडोर सौंप चुकी है। साथ ही पूरे प्रदेश में टिकट तय कराने में जिस तरह उनकी भूमिका रही है, उससे पार्टी ने काफी कुछ संकेत दे दिए हैं। भाजपा ने कुमाऊं से ही युवा चेहरे के रूप में पुष्कर सिंह धामी को आगे किया है तो कांग्रेस के इस अनुभवी और मंझे खिलाड़ी की चुनौती बढ़ गई है। लालकुआं के आसपास नैनीताल जिले की अन्य सीटों कालाढूंगी, रामनगर और भीमताल पर भी हरीश रावत की मौजूदगी के असर पर नजरें गड़ी हुई हैं।