देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी राजीव महर्षि ने भाजपा की केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोला। उन्होंने भाजपा सरकार पर युवाओं से रोजगार छिनने, शिक्षा का बंटाधार करने और महिला अत्याचारों में बढ़ोत्तरी का आरोप लगाया है। मोदी सरकार ने देश के युवाओं से प्रतिवर्ष दो करोड़ नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन आखिर में उन्हें नाले की गैस से पकौड़े तलने की सलाह दे दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश में बेरोजगारी दर 7.9 प्रतिशत के पायदान पर पहुंच गई है। अकेले उत्तराखंड में आठ लाख से अधिक बेरोजगार युवा पंजीकृत हैं। यह सरकारी आंकड़ा है, जबकि असल में राज्य में बेरोजगारी की यह दर दस गुना अधिक है। पलायन आयोग की एक रिपोर्ट में भी कहा गया है कि 52 प्रतिशत युवाओं ने बेरोजगारी के चलते राज्य से पलायन किया है। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में लॉकडाउन व नोटबंदी के चलते 14 करोड़ लोगों की नौकरियां चली गईं। जबकि केंद्र व राज्य सरकारों में 60 लाख से अधिक सरकारी पद रिक्त पड़े हैं। शिक्षण संस्थानों में ही लाखों पद खाली पड़े हैं। यूनेस्को की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में अकेले 11 लाख शिक्षकों के पद रिक्त हैं। मोदी सरकार में विभिन्न संस्थाओं में आरएसएस के लोगों को भरा गया है। वहीं छात्रों पर जुल्म बढ़े हैं। जो उनकी विचारधारा से मेल नहीं खाता है, उसकी आवाज को दबाने का काम किया जाता है। इसके अलावा महिला अत्याचारों में बढ़ोतरी हुई है। महिलाओं को रोजगार के अवसर कम हुए हैं। उत्तराखंड में मनरेगा के 8.39 लाख एक्टिव कार्ड होल्डर्स हैं। राज्य में 2020-21 दौरान मनरेगा का बजट 299 करोड़ का था, जो 2021-22 में घटकर 200 करोड़ का हो गया। अब जब केंद्र सरकार ने देश के मनरेगा का बजट 98 हजार करोड़ से एक चौथाई कम कर 73 हजार करोड़ कर दिया है, तो उत्तराखंड में मनरेगा के तहत मिलने वाले रोजगार में और भारी कटौती होगी। उत्तराखंड में 100 दिन के रोजगार गारंटी वाली इस योजना में 2019-20 में प्रति परिवार औसत रोजगार 40.9 दिन था, जो 2021-22 में घटकर 38.13 दिन रह गया है।
