देहरादून- एचसीएल टेक्नोलॉजीज की सीएसआर (कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी) शाखा, एचसीएल फाउंडेशन (एचसीएलएफ) ने आज एचसीएल ग्रांट के सातवें संस्करण में विजेता के रूप में चुने गए एनजीओं की घोषणा की, जो ग्रामीण भारत में पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में स्थायी बदलाव लाने के लिए एनजीओं की विविधतापूर्ण, कुछ नया कर दिखाने वाली तथा सभी को शामिल करने वाली मुहिम में सहायता के लिए समर्पित एक प्रमुख कार्यक्रम है।
पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के विकास की श्रेणियों में 3 विजेता एनजीओं में से प्रत्येक को तीन से पांच साल की परियोजना के लिए ₹5 करोड़ (671,140 डॉलर) की राशि प्रदान की गई। प्रत्येक श्रेणी से फाइनल राउंड तक पहुंचने वाले दो-दो एनजीओं में से प्रत्येक को एक साल के लिए ₹25 लाख (33,557 डॉलर) का अनुदान दिया जाएगा, और इस तरह कुल मिलाकर ₹16.5 करोड़ (2.21 मिलियन डॉलर) का अनुदान दिया जाएगा।
एचसीएल ग्रांट 2022 के विजेता एनजीओं निम्नलिखित हैंः
– विकास कार्य के लिए व्यावसायिक सहायता (प्रदान) पर्यावरण)
– एसोसिएशन विकलांग लोगों के लिए एसोसिएशन (एपीडी) (स्वास्थ्य)
– भाषा और शिक्षण फाउंडेशन (एलएलएफ) (शिक्षा)
एचसीएल ग्रांट की स्थापना वर्ष 2015 में हुई थी, जो भारत के सबसे बड़े और सबसे सम्मानित संस्थागत सीएसआर अनुदानों में से एक के रूप में उभरकर सामने आया है, और इसके माध्यम से देश के पांचवें स्तंभ – यानी गैर-सरकारी संगठनों को विकसित होने में सहायता दी जाती है। एचसीएल ग्रांट के माध्यम से भारत के सबसे ज्यादा इनोवेटिव एनजीओं तथा पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा में उनकी कारगर परियोजनाओं को सहायता दी जाती है, जो देश भर में ग्रामीण समुदायों में बदलाव लाने में मदद कर रहे हैं।
एचसीएलएफ ने अपने एचसीएल ग्रांट कार्यक्रम के माध्यम से अब तक कुल मिलाकर ₹95.75 करोड़ (12.85 मिलियन डॉलर) का अनुदान दिया है, जिसमें इस साल दिया गया अनुदान भी शामिल है। पिछले 6 सालों के दौरान, 840,000 से ज्यादा लोग एचसीएल ग्रांट से लाभ प्राप्त कर चुके हैं और इसने भारत के 19 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 30,000 $ गाँवों में रहने वाले तकरीबन 2.3 मिलियन लोगों के जीवन में बदलाव लाना जारी रखा है।
इस मौके पर श्रीमती रॉबिन ऐन अब्राम्स, जूरी की अध्यक्ष, ईएसजी एवं डाइवर्सिटी बोर्ड कमिटी की अध्यक्ष, बोर्ड समिति सदस्य – नामांकन एवं पारिश्रमिक, लेखा-परीक्षण, जोखिम प्रबंधन, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, ने कहा, “पिछले 7 सालों के दौरान, एचसीएल ग्रांट ने हमें अपनी क्षमताओं की सीमा से आगे जाने में मदद की है और इसके जरिए हम सीएसआर गतिविधियों को देश के कोने-कोने तक पहुँचाने में सफल रहे हैं। एचसीएल ग्रांट ने पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी है, और इस पर विशेष ध्यान देते हुए नागरिक समाज में जवाबदेही बढ़ाने, पूरी व्यवस्था में बदलाव की गति को तेज करने, सरकार की प्रतिक्रिया को मज़बूत करने और बदलाव लाने में समुदायों की हिस्सेदारी को और सुदृढ़ बनाने के लिए नए मानदंड निर्धारित किए हैं। वर्तमान में फैली महामारी और लॉकडाउन के बावजूद, हमने जमीनी स्तर पर अपने सतत प्रयासों को जारी रखा, साथ ही हम राष्ट्र-निर्माण और ग्रामीण समुदाय में बदलाव लाने के अपने बड़े लक्ष्य पर अटल रहे।“
इस अवसर पर एचसीएल फ़ाउंडेशन की डायरेक्टर, श्रीमती निधि पुंधीर ने कहा, “एचसीएल ग्रांट न केवल नए-नए विचारों को पहचान देता है, बल्कि इन विचारों को लागू करने योग्य परियोजनाओं में बदलने की शक्ति भी प्रदान करता है। हमें यह जानकर बेहद खुशी हो रही है कि, एचसीएल ग्रांट के माध्यम से हम बदलाव के जरिए देश को प्रगति पर ले जाने वाली कामयाबी की कहानियों में अपना योगदान दे रहे हैं। एचसीएल ग्रांट देश के पांचवें स्तंभ – यानी गैर-सरकारी संगठनों और उनके कार्यों को सम्मान देने की दिशा में एक कदम है। एचसीएल फ़ाउंडेशन का उद्देश्य, एचसीएल ग्रांट के माध्यम से पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में लीक से हटकर कुछ नया कर दिखाने वाले एनजीओं की सहायता करके सतत ग्रामीण विकास को हासिल करना एनजीओं बदलाव लाने के साथ-साथ राष्ट्र निर्माण में भी बेहद अहम भूमिका निभाते हैं। फाइनल राउंड में पहुंचने वाले सभी एनजीओं और विजेताओं को हार्दिक बधाई।“
जूरी के सम्मानित सदस्यों द्वारा आवेदनों की जाँच और उन पर अच्छी तरह विचार करने के बाद ही एनजीओं का चयन किया गया था, जिनकी निगरानी एवं लेखा-परीक्षण एचसीएल ग्रांट के गवर्नेंस पार्टनर, ग्रांट थॉर्नटन द्वारा की गई थी। जूरी के सम्मानित सदस्यों में शामिल थेः श्रीमती रॉबिन ऐन अब्राम्स, जूरी की अध्यक्ष, ईएसजी एवं डाइवर्सिटी बोर्ड कमिटी की अध्यक्ष, बोर्ड समिति सदस्य – नामांकन एवं पारिश्रमिक, लेखा-परीक्षण, जोखिम प्रबंधन, एचसीएल टेक्नोलॉजीज; श्री सुरेश नारायणन, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, नेस्ले इंडिया लिमिटेड; श्री बी.एस. बसवान, पूर्व-निदेशक, भारतीय लोक प्रशासन संस्थान, और पूर्व सचिव, मानव संसाधन विकास मंत्रालय; श्रीमती पल्लवी श्रॉफ, मैनेजिंग पार्टनर, शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी; डॉ. रिचर्ड लैरिविएरे, संस्कृत विद्वान और प्रेसिडेंट एमेरिटस, फील्ड म्यूजियम (शिकागो), और श्री शिव नादर, संस्थापक, एचसीएल समूह, चेयरमैन एमेरिटस और बोर्ड के रणनीतिक सलाहकार।
इस मौके पर, एचसीएल फ़ाउंडेशन ने सार-संग्रह का छठा खंड “फिफ्थ एस्टेट – एनजीओ ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया इन एनवायरनमेंट, हेल्थ एंड एजुकेशन“ भी जारी किया। एचसीएल फ़ाउंडेशन द्वारा एचसीएल ग्रांट के माध्यम से एनजीओं को अपने संगठनों को बढ़ाने और मजबूत करने में मदद करता है, साथ ही संस्थान की प्रशासनिक संरचना को बेहतर बनाकर उन्हें भविष्य के लिए तैयार करता है।