देहरादून। उत्तराखंड में संस्कृत निदेशालय ने प्रदेश के नवनिर्वाचित विधायकों को सलाह दी है कि वह संस्कृत में शपथ लेते हैं तो इससे संस्कृत के प्रचार को बल मिलेगा। संस्कृत शिक्षा निदेशक एसपी खाली ने विभाग की ओर से विधायक व मंत्री के संस्कृत में शपथ ग्रहण का प्रारूप भी तैयार किया है। जिसपर संस्कृत भाषा में शपथ पत्र लिखा गया है। संस्कृतभारतीय उत्तरांचल की इस पहल का समर्थन करते हुए संस्कृत शिक्षा निदेशक ने आग्रह किया कि नवनिर्वाचित विधायक नई पारी की शुरूआत संस्कृत भाषा में शपथ ग्रहण करके करें। उन्होंने बताया कि संस्कृत भाषा उत्तराखंड की द्वितीय राजभाषा है, जो हमारी संस्कृति और प्राचीन ज्ञान-विज्ञान की भाषा है। पूरे विश्व में संस्कृत भाषा के प्रति अत्यन्त श्रद्धा है। लोकसभा में 54 सांसदों ने संस्कृत में शपथ ग्रहण की थी। उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, असम आदि प्रदेशों की विधानसभा में विधायक एवं सांसद संस्कृत में शपथ ग्रहण करते हैं।
उत्तराखंड में पिछली विधानसभा में दो विधायकों व एक मंत्री ने संस्कृत में शपथ ग्रहण किया था। इसलिए आशा है कि इस बार भी अधिक से अधिक नवनिर्वाचित विधायक संस्कृत में शपथ ग्रहण करेंगे।