देहरादून। आज उत्तराखंड स्कूल वैन ऐसो० के प्रदेश अध्यक्ष सचिन गुप्ता के नेतृत्व में स्कूल वैन वाहन चालकों का प्रतिनिधिमंडल सह संभागीय परिवहन अधिकारी,देहरादून सुनील शर्मा से मिला ।
प्रदेश अध्यक्ष श्री सचिन गुप्ता ने बताया कि कोविड कार्यकाल की मार झेल रहे स्कूल वैन वाहन चालक अब परिवहन विभाग की पेनल्टी व चालान से परेशान है। दो वर्षों से स्कूल वैन घर पर खड़ी है बमुश्किल स्कूल वाहन चालकों ने अपना व अपने परिवार का भरण पोषण किया। 11 अप्रैल से स्कूल खुले हैं,स्कूल खुलते ही वाहन चालको ने बच्चों को लाने ले जाने का कार्य शुरू किया परंतु परिवहन विभाग द्वारा बिना मोहलत दिए उनके कागजात चेक करने के नाम पर उनके भारी-भरकम चालान काटने शुरू कर दिए गए है। सरकार द्वारा कोविड कार्यकाल में वैन चालको को छूट प्रदान की गई परंतु 2000 हजार रुपये की छूट पर 3600 rs पेनल्टी वसूली जा रही है। स्कूल वैन चालकों पर अभिभावकों से भारी भरकम शुल्क वसूलने का आरोप लगाया जा रहा है वास्तविक रूप में इस महंगाई के दौर में स्कूल वैन चालक वैन संचालन में कितनी कठिनाइयों का सामना कर रहा है इस बात से परिवहन विभाग भी भलीभांति परिचित है।श्री सचिन गुप्ता ने लिखित रूप में सह संभागीय परिवहन अधिकारी को स्कूल वैन संचालन में होने वाले इंश्योरेंस, टैक्स परमिट फीस, गाड़ी मेंटेनेंस, पेट्रोल ड्राइवर खर्चा आदि सभी चीजों का लिखित में विवरण दिया वह बताया कि लगभग प्रत्येक बच्चे पर ₹3000 का मिनिमम खर्चा स्कूल वैन चालक पर आ रहा है ऐसे में स्कूल वैन संचालक कैसे अधिक किराया ले रहा है बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए बच्चों की बिठाने की क्षमता 9 से 11है यदि किराया कब लिया जाता है तो बच्चों की संख्या 17 से 18 गाड़ी में बैठाने को वाहन चालक विवश होगा जो कि बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ भी होगा सचिन गुप्ता ने अधिकारी से जहां एक और गाड़ियों के कागजात पूरे करने में 6 माह का समय मांगा वही दूसरी ओर यह भी कहा कि यदि कोई गाड़ी ओवरलोड या ओवर स्पीड या उसका ड्राइवर किसी प्रकार की लापरवाही करते हुए अपनी स्कूल वैन संचालित करता है तो विभाग उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें परंतु स्कूल वाहन चालकों को अपनी गाड़ी के कागजात पूरे करने के लिए कम से कम 6 महीने का समय प्रदान करें।