dehradun. उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने राज्य आंदोलनकारियों को मिल रही पेंशन में यदा-कदा देरी किए जाने की कड़ी निंदा की है ।
उन्होंने कहा है कि जो वास्तविक राज्य आंदोलनकारी है व जिन्होंने लम्बे समय तक राज्य की मांग को लेकर लम्बा संघर्ष किया है ।उनमें से 80% लोग ऐसे है जो रोजगार से वंचित है क्यूंकि जब उन्हें अपने लिए काम करना था तब वे लम्बे समय तक “आज दो अभी दो उत्तराखंड राज्य दो “को लेकर सड़कों पर चिल्लाते रहे अपने और अपने परिवार के लिए कभी सोचा ही नहीं । अब उनकी ऐसी स्तिथि है की वे उस भीख के इंतजार में रहते है जो सरकार ने दी तो है पर कब मिलेगी कोई समय निर्धारित नहीं है ।जब सत्तासीन मंत्री या उस विभाग को देख रहे अधिकारी के मन में आये की भीख दे देनी चाहिए तब दी जाती है ।जो बहुत ही दुर्भाग्य है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा होना तो चाहिए की आंदोलनकारी साथियों का पेंशन पट्टा बनना चाहिए और ट्रेजरी से पेंशन आनी चाहिए ।इसे लेकर भी पूर्व में कई बार मांग भी की जा चुकी है और पूर्व में विधान सभा अध्यक्ष द्वारा इस हेतु आदेश भी किया गया था लेकिन वो आदेश धरा का धरा ही रहा ।यह दुर्भाग्य है।2016 की गैरसेंण विधानसभा के सर्वसम्मत प्रस्ताव को तत्काल लागू कराएं ।जिससे कि राज्य के हजारों आंदोलनकारियों को इसका लाभ मिल सके।