रुड़की। आईआईटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभाग द्वारा “पेय जल एवं स्वच्छता: वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की चुनौतियाँ” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली की सचिव वरिष्ठ आईएएस सुश्री विनि महाजन, उद्घाटन समारोह कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं। उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए सुश्री महाजन ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के द्वितीय चरण के अंतर्गत वर्ष 2019 में देश के प्रधान मंत्री ने “जल जीवन मिशन” अभियान की घोषणा की, जिसके तहत देश के “हर घर नल” लगाए जाने की योजना पर कार्य शुरू हुआ। पांच वर्षों के लक्ष्य के सापेक्ष अब तक इस योजना के तहत 50 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवारों को ग्रामीण जल कनेक्शन प्राप्त हो चुका है। उम्मीद है कि वर्ष 2024 तक ‘हर घर जल’ पहुंचाने का कार्य पूरा कर लिया जायेगा। सुश्री महाजन ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि आईआईटी रुड़की ने पेयजल और स्वच्छता पर एम. टेक. कोर्स शुरू किया है, जो सीधे तौर पर देशवासियों विशेषकर ग्रामीण भारत की बुनियादी जरूरतों से जुड़ा है।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर ए के चतुर्वेदी ने बताया कि इस कार्यशाला की थीम पेयजल और स्वच्छता पर हाल ही में शुरू किए गए एम टेक डिग्री प्रोग्राम के अनुरूप है, जो देश में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है।
प्रोफेसर वी पी सिंह, विशिष्ट प्रोफेसर, डब्ल्यूआरडीएम विभाग और रीजेंट प्रोफेसर, टेक्सास विश्वविद्यालय ने भी उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम के सतत विकास लक्ष्य के लिए सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छता के बहु-विषयक पहलुओं को व्यापक रूप से कवर करने वाले आठ विषयों के बारे में विस्तार से चर्चा की।
इससे पहले जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभागाध्यक्ष प्रो० आशीष पाण्डेय ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि पेयजल और स्वच्छता पर हाल ही में आईआईटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभाग में शुरू किये गए एम टेक डिग्री के लिए संरचित पाठ्यक्रम को इस तरह से विकसित किया गया है जो जल क्षेत्र में भारत सहित एफ्रो-एशियाई देशों के सामने आने वाले पेयजल और स्वच्छता में चुनौतियों का समाधान करने में समर्थ होगा। कार्यक्रम के अंत में प्रो० बसंत यादव ने उपस्थित अतिथियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
