देहरादून। वन अनुसंधान संस्थान के वन प्रबंधन एवं संवर्धन प्रभाग द्वारा भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन वन संवर्धन एवं प्रबंधन प्रभाग के प्रमुख श्री आर पी सिंह द्वारा प्रशिक्षणरत सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया तथा सप्ताह भर चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम की जानकारी साझा की। अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. रेणु सिंह, निदेशक, एफआरआई महोदया ने वनाग्नि की निगरानी और नुकसान के आकलन के महत्व पर प्रकाश डाला। उद्घाटन सत्र के दौरान प्रतिभागी आईएफएस अधिकारियों के अतिरिक्त विभिन्न प्रभागों के प्रमुख, वैज्ञानिकगण तथा संस्थान के अधिकारी उपस्थित थे। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयन श्रीमती विजया रात्रे, उप वन संरक्षक द्वारा किया जा रहा है। उद्घाटन सत्र के उपरांत श्री आरपी सिंह, महोदय ने “वैश्विक और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में वनाग्नि की समस्या” विषय पर व्याख्यान दिये। भोजन अवकाश के बाद प्रशिक्षण कार्यक्रम का तीसरे सत्र में डॉ सुनील चंद्र, एफएसआई, देहरादून ने “बर्न एरिया मॉनिटरिंग एनालिसिस” विषय पर व्याख्यान गया। कार्यक्रम के पहले दिन के समापन हिमाचल प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक श्री ई विक्रम, भारतीय वन सेवा के “फॉरेस्ट फायर डेंजर रेटिंग सिस्टम एंड फॉरेस्ट फायर मॉनिटरिंग: लेशंस फ्रॉम एक्रॉस द वर्ल्ड” विषय पर व्याख्यान के साथ हुआ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का दूसरा दिन (02 अगस्त, 2022) डॉ. हितेंद्र पडालिया, प्रमुख, वानिकी एवं पारिस्थितिकी विभाग, आईआईआरएस, देहरादून के “फॉरेस्ट फायर मॉनिटरिंग एंड एसेसमेंट यूजिंग सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग इन हिमालया कॉन्टेक्स्ट” विषय पर व्याख्यान के द्वारा शुरू किया गया। उनके व्यख्यना के बाद डॉ. सूर्य प्रकाश, प्रोफेसर एवं प्रमुख, भू-मौसम विज्ञान जोखिम प्रभाग, एनआईडीएम ने “कम्युनिटी पार्टिसिपेशन इन फॉरेस्ट फायर रिस्क, रिडक्शन एंड रेजिलेंस” शीर्षक विषय पर व्याख्यान दिया। दोपहर के भोजन के बाद के सत्र की शुरुआत श्री वैभव सिंह, आईएफएस, डीएफओ, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड द्वारा “इंट्रोडक्शन टू कनाडियान फायर डेंजर रेटिंग सिस्टम एंड इट्स पोटेंशियल एप्लीकेशन इन इंडियन कॉन्टेक्स्ट” के व्याख्यान के साथ किया गया। इसके बाद प्रतिभागियों को भारतीय वन सर्वेक्षण का भ्रमण कराया गया। इसी के साथ प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का दूसरा दिन संपन्न हुआ।